Home राज्यछत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़-सुकमा के शैक्षणिक संस्थानों में अव्यवस्थाओं पर करेंगे आंदोलन, सीएम और शिक्षा मंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन में की चेतावनी

छत्तीसगढ़-सुकमा के शैक्षणिक संस्थानों में अव्यवस्थाओं पर करेंगे आंदोलन, सीएम और शिक्षा मंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन में की चेतावनी

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सुकमा.

सुकमा में ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेश कुंजाम ने सुकमा जिले के अंतर्गत स्थित सभी आश्रम ,पोटाकेबिन, छात्रावासों व स्कूलों में आवेदित सभी छात्र-छात्राओं को प्रवेश देने व अन्य शैक्षणिक संस्थानों में अव्यवस्थाओं को त्वरित निराकरण करने की मांग की। महेश कुंजाम ने कहा कि आदिवासी व अधिकांश सामान्य क्षेत्र में भी स्कूल, आश्रम, छात्रावास, पोटाकेबिनों में मूलभूत समस्याओं को त्वरित निराकरण करने के लिए ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन के माध्यम से मांग रखा।

शिक्षा सत्र 2024 -25 चालू हो गया है, अधिकांश स्कूल आश्रम ,छात्रावासों में सुविधा नहीं है, इन समस्त समस्याओं को ज्ञापन के माध्यम से निम्न मांगे रखा। राज्य के समस्त स्कूल, आश्रम, बस्तर संभाग में संचालित पोटाकेबिन आश्रमों , छात्रावासों में अव्यवस्थाएं बिजली, पंखा,शुद्ध पेयजल, बाउंड्रीवॉल,शौचालय स्कूल में बालक- बालिकाओं का पृथक पृथक शौचालय, पानी की व्यवस्था जर्जर भवनों व शौचालय की मरमत किया जाए। सुकमा जिले में कहीं जगह स्कूल भवन ही नहीं है बच्चे झोपड़ियों में पढ़ने मजबूर हैं यह मामला अखबारों में भी प्रकाश में आया है, ऐसी समस्याओं को त्वरित अवलोकन कर उचित कार्यवाही किया जाए। सुकमा जिले के छिन्दगढ ब्लाक के ब्लॉक कुकानार में प्री मैट्रिक व पोस्ट मैट्रिक कन्या छात्रावास तथा पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास नहीं होने के कारण 15 -20 किलोमीटर दूरी से पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को  परेशानियां होती है। इसलिए प्री मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक कन्या व पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास खोला जाए। तथा दोरनापाल में 100 सीटर कन्या छात्रावास खोला जाए। सुकमा जिले के उपयुक्त विषय में उल्लेख के संस्थानों में आवेदित सभी छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिया जाए । ताकि अति संवेदनशील व दूरदराज के अध्यनरत छात्र-छात्राओं को पढ़ाई करने में किसी प्रकार का विध्न न हो।

सुकमा जिला आदिवासी बाहुल्य व ग्रामीण क्षेत्र है, यहां के छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में पढ़ाई करने आगे आ रहे हैं, जिस इलाके से आते हैं वहां के बच्चे आने जाने के लिए कोई सुविधा नहीं है,  गांव से आने के लिए 20 से 35 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करना पड़ता है। इसलिए उन छात्रों को छात्रावास सुविधा की अति आवश्यक है, रहने की सुविधा नहीं होने के कारण छात्र पढ़ाई से वंचित हो जाते हैं इसलिए जिले के सभी छात्रावास, आश्रमों में सीट वृद्धि कर स्वीकृति दिया जाए। ताकि सभी छात्र-छात्राएं पढ़ाई जारी रख सके। महेश कुंजाम ने कहा कि उक्त मांग जल्द पूरी नही हुई तो मांगों को लेकर ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन जल्द आदोलन करेगा।

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