Home देश पांच राज्यों पर आफत बनकर टूटी बारिश, कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात

पांच राज्यों पर आफत बनकर टूटी बारिश, कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात

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लगातार वर्षा से देश के कई इलाकों में हालात बिगड़ गए हैं। उत्तराखंड में भारी वर्षा के अलर्ट को देखते हुए रविवार को चारधाम यात्रा स्थगित रही। यदि मौसम सही हुआ तो सोमवार को यात्रा शुरू होगी। राजस्थान में पिछले पांच दिनों से हो रही वर्षा से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। हनुमानगढ़ में तेज वर्षा के बीच एक मकान की छत गिरने से दो भाइयों की मौत हो गई।लगातार वर्षा से उत्तर प्रदेश और बिहार में नदियां उफनाने लगी हैं, जिससे बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। बिहार में वज्रपात से 10 तो उप्र में वर्षाजनित हादसों में पांच लोगों की मौत हो गई। हरियाणा और पंजाब के कई जिलों में जमकर वर्षा हुई है। उत्तराखंड में एक सप्ताह से भारी वर्षा होने के कारण पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन हो रहा है, जिससे संपर्क मार्ग अवरुद्ध हो रहे हैं। गढ़वाल मंडल में पिछले छह दिन से हो रही भारी वर्षा रविवार को थम गई, जिससे थोड़ी राहत महसूस की गई। गंगा समेत अन्य नदियों का जलस्तर भी कम हुआ है, जिससे जल विद्युत परियोजनाओं में उत्पादन सुचारु रहा।

मंडल में 30 के करीब संपर्क मार्ग खोल दिए गए हैं। राज्य के मैदानी इलाकों में वर्षा का दौर जारी है। कुमाऊं मंडल में भी भारी वर्षा हो रही है। पिथौरागढ़ जिले में चीन सीमा को जोड़ने वाले दो मार्ग अब भी बंद हैं। धारचूला-तवाघाट मार्ग पर गुंजी पुल को खतरा उत्पन्न हो गया है। बीआरओ पुल को बचाने के प्रयास में जुटा है। काली नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। चंपावत जिले में टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे दो जगह मलबा आने से बंद है। लगातार वर्षा होने से इन्हें खोलने में भी दिक्कत आ रही है।नैनीताल झील का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बदरीनाथ राजमार्ग जोशीमठ के पास सुबह करीब चार बजे से बंद है, इस कारण बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब की यात्रा पर आए ढाई हजार तीर्थयात्री धाम व पड़ावों पर फंसे हुए हैं। अब प्रदेश में लगभग 190 मार्ग बंद हैं। हिमाचल प्रदेश में शिमला, कांगड़ा व चंबा में नदी-नालों में बाढ़ आने की चेतावनी जारी की गई है। प्रदेश में 41 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं।

अलग-अलग घटनाओं में कई लोगों की मौत

सीतापुर में छत और रेलिंग गिरने की घटनाओं में दो लोगों की मौत हो गई तो बलरामपुर में बालक समेत दो लोगों की बाढ़ के पानी में डूबने से जान चली गई। श्रावस्ती के जमुनहा तहसील क्षेत्र में खेतों की रखवाली के दौरान बाढ़ में घिरे 11 किसानों को आठ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया। इनमें आधा दर्जन महिलाएं हैं। नेपाल में मूसलधार वर्षा के कारण नारायणी नदी में जलस्तर खतरे के निशान से 16 सेमी ऊपर पहुंच गया। इससे कुशीनगर जिले के पांच गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया। एसडीआरएफ टीम ने रविवार को 101 लोगों को गांवों से निकाला। सोमवार को कई जिलों में भारी बारिश का पुर्वानुमान है।

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