बेंगलुरु। भाजपा के एक सांसद इस वक्त अपनी ही पार्टी से खफा हैं। नाराजगी इतनी ज्यादा है कि उन्होंने भाजपा को दलित विरोधी पार्टी बता दिया। उनकी नाराजगी इस इसलिए है कि वे केंद्र में मंत्री बनना चाहते थे,लेकिन उनका नंबर नहीं लगा तो वे खफा हो गए। पार्टी के वरिष्ठ दलित नेता रमेश जिगाजीनेगी ने भाजपा को दलित विरोधी बताया है। साथ ही कहा है कि कई लोगों ने उन्हें भाजपा के साथ नहीं जाने के लिए कहा था। खास बात है कि जिगाजीनेगी 1998 से लेकर अब तक सभी लोकसभा चुनावों में विजयी रहे हैं। इसके अलावा वह 2016 से 2019 के बीच केंद्रीय राज्य मंत्री भी रहे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मंगलवार को विजयपुरा से सांसद जिगाजीनेगी ने कहा, मुझे केंद्रीय मंत्री का पद मांगने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, लोगों का समर्थन मेरे लिए जरूरी है। लेकिन जब मैं वापस आया, तो लोगों ने मुझे बुरी तरह डांटा। कई दलितों ने मुझे बताया है कि भाजपा कैसे दलित विरोधी है और मुझे इसके बारे में पार्टी में शामिल होने से पहले पता होना चाहिए था। उन्होंने कहा, मेरे जैसा दलित एकमात्र व्यक्ति है, जिसने दक्षिण भारत में सात चुनाव जीते हैं। सभी सवर्णों को कैबिनेट पद दिए गए हैं। क्या दलितों ने भाजपा का समर्थन नहीं किया था। इस बात ने मुझे काफी दुख पहुंचाया है। जून में संपन्न हुए 543 सीटों पर लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 240 सीटों पर जीत हासिल की थी। हालांकि, पार्टी 272 के बहुमत के आंकड़े से चूक गई थी, लेकिन केंद्र में लगातार तीसरी बार एनडीए सरकार बनी। कर्नाटक की 28 में से भाजपा 17 सीटों पर विजयी रही थी। पार्टी ने जनता दल सेक्युलर के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। जेडीएस के खाते में 2 सीटें आईं।
मंत्री पद नहीं मिलने से नाराज भाजपा सांसद अपनी ही पार्टी को बता रहे दलित विरोधी
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