झारखंड के गढ़वा जिले में भवनाथपुर थाना अंतर्गत हरिहरपुर ओपी क्षेत्र के लोहरगड़ा गांव के पास सोन नदी के टीला में सोननदी का जलस्तर अचानक से बढ़ने की वजह से गढ़वा जिला व बिहार के रोहतास जिला के तिऊरा गांव के 50 लोग सोन नदी में फंस गए।
इनके साथ सौ से अधिक पशुधन भी बाढ़ में फंसे रहे। इसकी जानकारी के बाद रविवार की रात में ही जिला प्रशासन बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए तत्पर हो गई।
बिहार के बिहटा से पहुंची एनडीआरएफ की टीम सोमवार की अहले सुबह से रेस्क्यू अभियान शुरू किया। बाढ़ में फंसे लोहरगड़ा के 17 तथा मेरौनी गांव के दो लोगों को सफलता पूर्वक रेस्क्यू किया गया।
जबकि सोन में फंसे बिहार के रोहतास जिला अंतर्गत तिउरा गांव के 21 लोगों को भी सफलता पूर्वक रेस्क्यू कर सोन से बाहर निकाल लिया गया है। दूसरी तरफ सोन नदी का जलस्तर भी कम होने लगा है।
इस मौके पर श्रीबंशीधर नगर के एसडीओ प्रभाकर मिर्धा, एसडीपीओ सत्येंद्र नारायण सिंह सहित प्रशासनिक महकमा रविवार की रात से ही लोहरगाड़ा में रेस्क्यू पूरा होने तक कैंप करती रही।
वहीं, रोहतास बिहार की एसडीएम वंदना कुमारी भी रेस्क्यू टीम के साथ सोन नदी में फंसे लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ टीम के साथ जा उतरीं।
बताते चलें कि सोननदी मे मिट्टी के जमाव की वजह से टीला बन जाता है। जहां पर लोग खेती-बारी के साथ ही साथ पशुधन के साथ कुछ लोग झोपड़ी तो कुछ पक्का आवास बनाकर निवास करते हैं।
इसी दौरान सोन नदी में जलस्तर में लगातार बढ़ने की वजह से लोहरगड़ा व तिऊरा के लोग बीच नदी में फंस गए। बाढ़ में फंसे सभी लोगों को सुरक्षित निकालने के बाद प्रशासन के लोगों ने राहत की सांस ली है।
इन पीड़ितों को किया गया रेस्क्यू
गढ़वा जिले के लोहरगाड़ा एवं मेरौनी गांव के बाढ़ में फंसे जिन लोगों को रेस्क्यू किया गया है। उनमें लोहरगाड़ा गांव के दीना चौधरी, प्रभा देवी, कन्हैया चौधरी, सुरेश चौधरी, उसकी पत्नी, कमलेश चौधरी, उसकी पत्नी, प्रभा देवी, शांति देवी पति अलियार चौधरी, मंगर चौधरी, उसकी पत्नी, लल्लू चौधरी, लखन चौधर तथा प्रवेश चौधरी एवं मेरौनी गांव के लक्षु चौधरी, उसकी पत्नी तथा प्रवेश चौधरी एवं उसकी पत्नी का नाम शामिल है।