भोपाल । लगभग सवा करोड़ लाड़ली बहनों के खातों में अभी 10 अगस्त को 1500 रुपए की राशि जमा कराई जाएगी, जिसमें 250 रुपए रक्षाबंधन के उपहार के रूप में मुख्यमंत्री की ओर से बहनों को दिए जा रहे हैं। जबकि 1250 रुपए की राशि हर माह मिलने वाली रहेगी। दूसरी तरफ लगभग 25 लाख लाड़ली बहना ऐसी हैं जिन्हें सस्ते गैस सिलेंडर का लाभ नहीं मिल सकेगा, क्योंकि गैस कनेक्शन उनके पति या परिवार के अन्य सदस्य के नाम पर है। 450 रुपए का सस्ता सिलेंडर पाने के लिए लाड़ली बहना के नाम पर ही गैस कनेक्शन होना चाहिए। कई लोगों ने हालांकि नाम ट्रांसफर भी इस योजना का लाभ लेने के लिए करवा लिए हैं।
खाद्य विभाग से लेकर सभी गैस कम्पनियों के दफ्तरों में ढेर सारे आवेदन नाम ट्रांसफर कराने के प्राप्त हो रहे हैं, जिसके चलते लाड़ली बहना और उनके परिजन चक्कर भी काट रहे हैं। दरअसल चुनाव के वक्त यह घोषणा की गई थी कि लाड़ली बहनाओं को हर माह नकद राशि के अलावा सस्ता गैस सिलेंडर भी उपलब्ध होगा। इसके अलावा पक्के मकान देने की योजना भी बनाई गई है। हालांकि उस पर अभी अमल प्रदेश सरकार ने शुरू नहीं किया है, क्योंकि इसके लिए भी बड़ी धन राशि की आवश्यकता पड़ेगी। अभी तो हर माह जो 1250 रुपए सवा करोड़ लाड़ली बहनों के खातों में जमा करवाना पड़ते हैं उसी की जुगाड़ मोहन सरकार को जैसे-तेसे करना पड़ती है और 1500 करोड़ रुपए से अधिक की राशि हर माह इस योजना पर खर्च होती है। दूसरी तरफ लाड़ली बहनों को उज्जवला कनेक्शनधारी महिलाओं की तरह ही सस्ते गैस सिलेंडर का लाभ देने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में अभी फिलहाल 1 करोड़ 4 लाख लाड़ली बहनों को 450 रुपए में सस्ता गैस सिलेंडर मिल रहा है, जिसमें 89 लाख उज्जवला गैस कनेक्शनधारी महिलाएं शामिल हैं और 15 लाख लाड़ली बहनों के नाम से गैस कनेक्शन हैं। मगर लगभग 25 लाख लाड़ली बहना ऐसी हैं जो ना तो उज्जवला गैस कनेक्शनधारियों की सूची में शामिल है और ना ही लाड़ली बहना को मिलने वाले कनेक्शनों की सूची में, क्योंकि उनके घर का गैस कनेक्शन या तो पति के नाम पर है अथवा किसी अन्य सदस्य के नाम पर, जिसके चलते 450 रुपए का सस्ता सिलेंडर इन लाड़ली बहनों को नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते ये लाड़ली बहना नाम ट्रांसफर करवाने के लिए परेशान हो रही है। अब खाद्य विभाग और गैस कम्पनियों ने भी नए नाम ट्रांसफर करने पर रोक लगा दी है, जिसके चलते अब प्रदेश सरकार को कोई अन्य समाधान खोजना पड़ेगा। दूसरी तरफ केन्द्र सरकार का भी उज्जवला पोर्टल मार्च महीने से ही बंद पड़ा है, जिसके चलते अलग से भी गैस कनेक्शन मिलना मुश्किल है। जब यह पोर्टल खुलेगा तब ही नए कनेक्शन मिल सकेंगे। फिलहाल तो 10 अगस्त को हर माह मिलने वाली राशि लाड़ली बहनों के खातों में मोहन सरकार जमा कराने जा रही है।
25 लाख लाड़ली बहना सस्ते गैस सिलेंडर से रहेंगी वंचित
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