भोपाल। वेयरहाउस में है लाभ ही लाभ बताकर मध्य प्रदेश की तत्कालीन शिवराज सरकार ने बड़े स्तर पर लोगों को वेयरहाउस निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया था। बेयरहाउस बनाने के लिए 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान भी की गई थी। इसके चलते प्रदेश में बड़ी संख्या में लोगों ने वेयरहाउस निर्माण कर सरकार की योजनाओं को फलीभूत करने का काम किया। अब वही वेयरहाउस लोगों के लिए आर्थिक तंगी का कारण बन रहे हैं। वेयरहाउस संचालकों को पिछले डेढ़ साल से किराया ही नहीं मिला है, जिसे लेकर एफसीआई के जीएम से मुलाकात कर किराया दिलवाए जाने की मांग की गई है।
ऐसोसिएशन ऑफ वेयरहाउस आनर्स मध्य प्रदेश के नुमाइंदों ने ईएमएस न्यूज एजेंसी को बतलाया कि उनके गोदामों में भंडारित वर्ष 2023-24, 2024-25 का गेंहूं, चना एवं मूंग का भंडारण का किराया लंबित है। भुगतान करने के लिए शाखा स्तर पर मौखिक रुप से अनेक बार विभाग को अवगत कराया गया और लिखत पत्राचार के माध्यम से भी भुगतान किए जाने की मांग रखी गई, लेकिन कृषि मंत्री और संबंधित विभाग सुनवाई करने से गुरेज कर रहे हैं। ऐसे में जबकि वेयरहाउस बनवाने के लिए लोगों ने करोड़ों रुपए का कर्ज बैंकों से लिया हुआ है, कर्ज चुकाने में भी परेशानी हो रही है। वेयरहाउस संचालक लाखों रुपए लगा चुके हैं और वेयरहाउस में अनाज का भंडारण भी किया गया है, लेकिन भुगतान नहीं होने से संचालक खासे परेशान हैं।
वेयरहाउस संचालन में आ रही विभिन्न प्रकार की समस्याओं के निराकरण के संबंध में एसोसिएशन ने एक मांगपत्र केंद्रीय कृषि मंत्री के नाम प्रस्तुत किया है। वेयरहाउस संचालकों की परेशानी का सबब मध्य प्रदेश नागरिक आपूर्ति निगम को बताया जा रहा है, जो किसी भी तरह से सुनवाई के लिए तैयार नहीं दिख रहा है। यही कारण है कि पिछले करीब डेढ़ साल से वेयरहाउस संचालकों को उनके वेयरहाउस का किराया नहीं मिला है। वेयरहाउस संचालक अपनी राशि लेने के लिए लगातार निगम के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन यहां अगली तारीख मिलने जैसा बर्ताव किया जाता है।
इसके चलते आज मंगलवार को वेयरहाउस संचालकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय खाद्य निगम के एमपी नगर जोन-2 स्थित कार्यालय पहुंच एफसीआई के जीएम से मुलाकात की। उन्होंने जीएम के समक्ष अपनी समस्याओं को रखते हुए जल्द से जल्द समाधान करने की मांग की है। इसी बीच वेयरहाउस संचालकों ने ईएमएस न्यूज एजेंसी से बातचीत की और बताया कि उन्हें पिछले डेढ़ साल से वेयरहाउस का किराया नहीं मिला है। यही नहीं उनके ऊपर डेढ़ परसेंट का गेन भी लगाया जा रहा है। जो पूरी तरह से अनुचित है। अत: डेढ़ फीसदी गेन की राशि नहीं वसूले जाने और जल्द से जल्द वेयरहाउस संचालकों को किराया दिए जाने के साथ आठ अन्य मांगें एसोसिएशन ने की है। वेयरहाउस संचालकों ने अपनी समस्याओं से केंद्रीय कृषि मंत्री को भी अवगत कराया है ताकि आर्थिक तंगी से निजाद मिल सके।
लाभकारी वेयरहाउस बन गए आर्थिक तंगी का कारण
23