सावन माह चल रहा है। इस माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के अगले दिन नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व मान्यता के मुताबिक नाग देवता को समर्पित होता है। इस दिन भगवान शंकर संग नाग देवता की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना की जाती है। शास्त्रों में नाग देवता की पूजा का विधान बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। कहा जाता है कि नाग देवता की पूजा आराधना करने से साधक के जीवन में व्याप्त दुख और संकट दूर होते हैं। साथ ही घर में सुख समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है। ज्योतिषीय गणना के मुताबिक नाग पंचमी पर कई वर्ष बाद दुर्लभ संयोग का निर्माण हो रहा है। जिसमें नाग देवता की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
ज्योतिषियों के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 9 अगस्त को देर रात्रि 12:36 पर शुरू होगी और 10 अगस्त को देर रात्रि 3:14 पर समाप्त होगी। उदया तिथि के मुताबिक इस बार नाग पंचमी का पर्व शुक्रवार 9 अगस्त को पड़ रहा है। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6:01 से लेकर 8:37 तक रहेगा। इसके अलावा इस दिन कई अद्भुत संयोग का निर्माण भी हो रहा है। जिसमें शिववास योग, सिद्धि योग, बालव करण योग जैसे अद्भुत संयोग का निर्माण हो रहा है। जिसमें पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।
इस वर्ष नाग पंचमी पर शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन भगवान शिव कैलाश पर जगत जननी माता पार्वती के साथ विराजमान रहते हैं, इस समय परिवार के साथ नाग देवता की पूजा करने से सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति मिलेगी। इसके अलावा नाग पंचमी पर सिद्ध योग का भी संयोग बना रहा है। सिद्ध योग दोपहर 1:46 तक रहेगा। इस दौरान भगवान शिव की पूजा आराधना करने से हर कार्य में सफलता प्राप्त होगी।
नागपंचमी पर्व नाग देवता को है समर्पित
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