छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी द्वारा बांग्लादेश के न्यायिक अधिकारियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण आयोजित
छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी के द्वारा बांग्लादेश के 50 न्यायिक अधिकारियों के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी के लिए यह ऐतिहासिक पल है क्योंकि न्यायिक अकादमी के बनने के बाद से अब तक यह प्रथम अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यकम है जो अकादमी के द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा एवं माननीय न्यायाधिपति संजय के. अग्रवाल के मार्गदर्शन में यह अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा सका है तथा उनके मार्गदर्शन में आज 28 जनवरी 2024 को इस अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यकम का शुभारंभ किया गया।
यह प्रशिक्षण कार्यकम राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल के प्रशिक्षण कार्यकम का हिस्सा है तथा न्यायपालिका की क्षमता एवं निपुणता को बढ़ाने राज्य न्यायिक अकादमी के उद्देश्य के एक मील का पत्थर है।
मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा के द्वारा इस कार्यक्रम का शुभारंभ नई दिल्ली से वर्चुअल मोड से किया गया। उन्होंने अपने उद्बोधन में बांग्लादेश से आये न्यायिक अधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा कि वर्तमान समय में न्यायपालिका के लिए यह आज्ञापक है कि वे एक दूसरे के अनुभवों को आत्मसात करें एवं उससे ज्ञान प्राप्त करें।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर माननीय न्यायाधिपति संजय के. अग्रवाल, संजय अग्रवाल, दीपक तिवारी, सचिन सिंह राजपूत, राकेश मोहन पाण्डेय एवं रविन्द्र अग्रवाल उपस्थित थे। इस कार्यकम में बिलासपुर के निकटवर्ती जिलों से लगभग 300 न्यायाधीश एवं छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की रजिस्ट्री से अधिकारीगण शामिल हुए थे।
शुभारंभ कार्यक्रम में न्यायाधिपति संजय के. अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में बताया कि यह अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यकम राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल एवं बांग्लादेश के उच्चतम न्यायालय के मध्य हुए समझौता ज्ञापन के तहत आयोजित किया जा रहा है।
प्रशिक्षण कार्यकम के संबंध में विस्तार से बताते हुए उन्होंने व्यक्त किया कि इस प्रशिक्षण कार्यकम में विधि एवं न्यायशास्त्र के महत्वपूर्ण क्षेत्र को सम्मिलित करते हुए सिविल एवं आपराधिक विधि के नवीन विकास, महिलाओं से संबंधित कानून बाल अधिकारों के संरक्षण से संबंधित कानूनों के संबंध में विस्तार से सत्र आयोजित किये जायेंगे।
जिसमें विधि महाविद्यालयों के व्याख्याता, वरिष्ठ अधिवक्तागण तथा छत्तीसगढ़ के अनुभवी न्यायिक अधिकारीगण के द्वारा व्याख्यान दिये जायेंगे।
इस शुभारंभ कार्यकम में बांग्लादेश से आये हुए न्यायिक अधिकारियों का स्वागत करते हुए अपने स्वागत उद्बोधन में न्यायाधिपति राकेश मोहन पाण्डेय के द्वारा यह बताया गया कि भारत एवं बांग्लादेश को जोड़ने के लिए अनेक क्षेत्र हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के राष्ट्रगान को रविन्द्रनाथ टैगोर के द्वारा ही लिखा गया है।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी की निदेशिका श्रीमति सुषमा सावंत के द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया गया तथा कार्यक्रम का संचालन अकादमी की अतिरिक्त निदेशिका श्रीमति गरिमा शर्मा द्वारा किया गया।
जैसे-जैसे प्रशिक्षण कार्यकम आने वाले 5 दिनों में पूर्णता की ओर बढ़ेगा, राज्य न्यायिक अकादमी, न्यायिक समुदाय पर इसके परिवर्तनकारी प्रभाव एवं न्याय व्यवस्था की उन्नति में इसके योगदान को देखने के लिए उत्सुक हैं।