राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर (PK) ने रविवार को दावा किया कि जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार का भाजपा के साथ नवगठित गठबंधन बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले ही बिखर जाएगा।
किशोर ने यह भी दावा किया कि भाजपा को कुमार के साथ फिर से गठबंधन करने के लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है क्योंकि उसने (भाजपा ने) घोषणा की थी कि उसके दरवाजे कुमार के लिए बंद हो गए हैं।
किशोर ने बेगुसराय जिले में संवाददाताओं से कहा, ”नीतीश कुमार का पलटी मारना कोई आश्चर्य की बात नहीं है।”
प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं महागठबंधन में उनके शामिल होने के बाद से ही कह रहा था कि वह इसमें नहीं रहेंगे। लेकिन आज का घटनाक्रम साबित करता है कि अगर नीतीश पलटूराम हैं तो नरेन्द्र मोदी और अमित शाह भी अलग नहीं हैं।
ऐसा लगता है कि भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर एक गणना की है। लेकिन उसे अगले साल विधानसभा चुनाव होने पर इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।
पीएम मोदी और जदयू सुप्रीमो दोनों के राजनीतिक रणनीतिकार के तौर पर काम कर चुके किशोर ने कहा कि भाजपा को अपने मतदाताओं को यह समझाने में कठिनाई होगी कि उसने कुमार का समर्थन क्यों किया जबकि उसने कहा था कि उसके लिए दरवाजे बंद हैं।
उन्होंने कहा, ”मैं एक और भविष्यवाणी करता हूं और अगर मैं गलत साबित हुआ तो आप मुझे पकड़ सकते हैं। जो गठबंधन बना है वह विधानसभा चुनाव तक नहीं चलेगा। वास्तव में यह लोकसभा चुनाव के कुछ महीनों के भीतर टूट सकता है।”
किशोर ने आरोप लगाया, ”भाजपा अब वही कर रही है जो कांग्रेस ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के समय में किया था। दोनों राष्ट्रीय दलों ने केंद्रीय स्तर पर छोटे लाभ के लिए बेहद अलोकप्रिय क्षेत्रीय नेताओं के साथ गठबंधन किया है।” उन्होंने दावा किया कि उनका जनसुराज अभियान इस ”घूमते दरवाजे की राजनीति” को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।
कुमार ने यह कहते हुए कि महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और प्रदेश में राजग की नई सरकार बना ली कि बिहार में महागठबंधन और राष्ट्रीय स्तर बने विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन में स्थितियां ठीक नहीं लगीं।