बीते सात अक्तूबर को इजरायल पर हुए हमास के आतंकी हमले में संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (UNRWA) के कर्मचारी भी शामिल थे, उन्होंने आतंकियों की मदद की थी।
इजरायल ने ये सनसनीखेज आरोप लगाया है। इसके बाद नौ देशों ने एजेंसी को दी जाने वाले फंडिंग रोक दी है। आरोपों के बाद यूएन ने संबंधित कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया।
इजरायल ने कहा कि एजेंसी के 12 कर्मचारियों ने हमास के हमले में उनका साथ दिया था। ये एजेंसी गाजा, वेस्ट बैंक, सीरिया, जॉर्डन और लेबनान में 60 लाख लोगों की मदद कर रही है।
इसका काम संघर्ष प्रभावित लोगों की मानवीय मदद करना, राहत का सामान पहुंचा आदि है।
इजरायल के इन बेहद गंभीर आरोपों के बाद अमेरिका, ब्रिटेन, फिनलैंड, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, इटली, जर्मनी, फिनलैंड और स्विटजरलैंड UNRWA को फंड देना बंद करने की घोषणा की।
गाजा में एजेंसी को नहीं करने देंगे काम
इजरायल ने कहा कि वह गाजा में संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता एजेंसी को काम नहीं करने देगा। उसने आरोपी कर्मचारियों को बर्खास्त करने वाले एजेंसी के प्रमुख फिलिप लाजरिनी से इस्तीफा देने की मांग की।
इजरायल के विदेश मंत्री काट्ज ने फंडिंग बंद होने पर खुशी जताते हुए कहा कि गाजा के पुर्ननिर्माण के लिए एजेंसी को सच में शांति और विकास के लिए समर्पित एजेंसियों से बदला जाना चाहिए।
UNRWA ने कहा कि हमने आरोपी कर्मचारियों को निष्कासित कर दिया है, हम आरोपों की गहनता से जांच कर रहे हैं।
हमास ने की निंदा
UNRWA पर आरोप लगाए जाने की हमास ने निंदा की। उसने कहा, संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों को इजरायल के खतरों और दबाव के आगे नहीं झुकना चाहिए।
फंडिंग रोकने को बताया चौंकाने वाला फैसला
UNRWA के आयुक्त-जनरल फिलिप लाजारिनी ने कहा कि नौ देशों के फैसले से पूरे क्षेत्र में खासकर गाजा में उसके मानवीय कार्यों को काफी खतरा है।
कर्मचारियों के एक छोटे समूह के खिलाफ आरोपों की प्रतिक्रिया में एजेंसी की फंडिंग बंद किया जाना चौंकाने वाला है। हम पहले भी लगे ऐसे आरोपों को खारिज करते रहे हैं।
पूरे मामले पर फिलिस्तीनी विदेश मंत्रालय ने इजरायल की आलोचना की है। फलस्तीनी प्राधिकरण ने फंडिंग रोकने के निर्णय को वापस लेने की अपील की।
यूएन की एजेंसी करती रही है निंदा
संयुक्त राष्ट्र से संबंधित मानवीय सहायता एजेंसी गाजा में शरणार्थी शिविरों पर हमलों को लेकर इजरायल की निंदा करती रही है। गाजा में मानवीय सहायता को लेकर दोनों पक्षों में लंबे समय से रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं।
हाल के दिनों में संघर्ष के बीच दोनों में तनाव और बढ़ा है। एजेंसी ने बीतों दिनों एक बयान जारी कर कहा था कि इजरायल शरणार्थी शिविरों पर हमला कर अंतरराष्ट्रीय व मानवीय कानूनों की अवेहलना कर रहा है।