फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की भारत यात्रा से चीन कुछ घबराया हुआ लग रहा है।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अब चीन-फ्रांस संबंधों की दुहाई देने लगे हैं। उन्होंने इसे लेकर ‘नई जमीन तैयार’ करने की पेशकश की है।
दरअसल, मैक्रों की भारत के 75वें गणतंत्र दिवस पर ऐसे वक्त चीफ गेस्ट के तौर पर नई दिल्ली पहुंचे जब चीन और फ्रांस अपने कूटनीतिक रिश्ते की 60वीं एनिवर्सरी मना रहे हैं।
राष्ट्रपति जिनपिंग ने अपने मैसेज में कहा, ‘आज फिर से दुनिया एक नाजुक मोड़ पर खड़ी है। ऐसे में चीन और फ्रांस को मिलकर शांति, सुरक्षा, भाईचारे और प्रगति के लिए रास्ता तैयार करना चाहिए। मानव विकास के लिए यह जरूरी है।’
शी जिनपिंग ने कहा कि चीन द्विपक्षीय संबंधों को मजूबत करने पर जोर देता है। उन्होंने कहा कि वह मैक्रों के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं।
वह राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ को बुनियादी सिद्धांतों को बनाए रखने, नई जमीन तलाशने और नया रास्ता खोलने के अवसर के रूप में देखते हैं।
चीन और फ्रांस की रणनीतिक साझेदारी को और अधिक मजबूती देनी है। विदेश मंत्री वांग यी का भी इस मौके पर बयान आया। उन्होंने कहा, ‘चीन ने अपने यहां फ्रांस से आयात बढ़ाने की पेशकश की है।
हम उपभोक्ता और निवेश बाजार की मांग को पूरा करना जारी रखेंगे। फ्रांस से हाई क्वालिटी वाले प्रोडक्ट और सर्विस के आयात बढ़ावा दिया जाएगा।’
भारत-फ्रांस के बीच हुई कई अहम समझौतै
ध्यान रहे कि चीनी आलाकमान की ओर से फ्रांस के साथ रिश्ते मजबूत करने की बातें ऐसे समय हो रही हैं, जब मैक्रों ने भारत से कई अहम समझौते किए हैं।
नई दिल्ली यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों के बीच लंबी बातचीत हुई। इसके बाद दोनों देशों ने सैन्य साजोसामान साथ मिलकर महत्वाकांक्षी औद्योगिक रोडमैप जारी किया। टाटा समूह और एयरबस संयुक्त रूप से एच125 हेलीकॉप्टर निर्मित करने पर सहमत हुए।
18 से 35 वर्ष आयु वर्ग के पेशेवरों को एक-दूसरे के देशों में भेजने की योजना और ग्रेजुएट भारतीय छात्रों के लिए 5 साल की वैधता के साथ शेंगेन वीजा भी मुख्य निर्णयों में शामिल है।
दोनों पक्षों ने कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इनमें रक्षा-अंतरिक्ष साझेदारी और उपग्रह प्रक्षेपण भी है। इसके अलावा, स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर एक अलग समझौता किया गया।