साउथ के सुपरस्टार जोसेफ विजय ने सियासत में एंट्री मार ली है।
उनकी किसी सुपरहिट फिल्म की बंपर ओपनिंग की तरह आज शुक्रवार का दिन भी उनके फैंस के लिए एक ब्लॉकबस्टर साबित हुआ है।
जोसेफ विजय के फैंस उन्हें प्यार से थलापति विजय के नाम से पुकारते हैं। विजय ने लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले अपनी पार्टी ‘तमिझागा वेत्री कड़गम’ का ऐलान किया है, मगर उन्होंने घोषणा की कि उनकी पार्टी 2026 के तमिलनाडु विधानसभा चुनावों में अपनी शुरुआत करेगी।
साउथ की सियासत की बात करें तो यहां किसी सुपरस्टार की एंट्री नई बात नहीं है। विजय से पहले भी कई सुपरस्टार ने दक्षिण भारत की राजनीति में अपना हाथ आजमाया।
एनटीआर से लेकर रजनीकांत तक और जयललिता से लेकर कमल हासन तक, ऐसे कई नाम हैं जिन्होंने राजनीति में अपनी किस्मत को टटोला।
अब एक्टर विजय की बारी है। देखना होगा कि उनके फैंस की तरह क्या जनता भी उनका साथ देगी। इससे पहले एक नजर डालते हैं साउथ की सियासत में एंट्री मारने वाले उन सुपरस्टार्स पर…
एमजी रामचंद्रन ‘एमजीआर’ (तमिलनाडु)
दक्षिण भारत की सियासत में एमजी रामचंद्रन यानी एमजीआर हमेशा से बड़े कद्दावर नेताओं में शामिल रहे। साल 1962 में एमजीआर ने राजनीतिक कदम उठाया और सीएन अन्नादुरई द्वारा स्थापित पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) में शामिल हो गए। वह अपने मित्र एम करुणानिधि की सलाह पर राजनीति में आये थे।
हालांकि, एमजीआर और करुणानिधि के बीच मतभेद पैदा हो गए जिसके कारण एमजीआर को डीएमके से बाहर कर दिया गया।
अभिनेता से नेता बने उन्होंने 1972 में अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की स्थापना की। एमजीआर 1977 में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने। एमजीआर दो बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद पर काबिज रहे। साल 1987 में अपनी मृत्यु हो गई।
एनटी रामाराव ‘एनटीआर’ (आंध्र प्रदेश)
नंदमुरी तारक रामाराव यानी एनटीआर एक तेलुगु मेगास्टार थे जिन्हें सिल्वर स्क्रीन पर देवता की भूमिका निभाने के लिए जाना जाता था।
अपने अभिनय करियर में एनटीआर ने 300 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। तेलुगु अभिनेता 1982 में राजनीति में शामिल हुए और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) की स्थापना की। बाद में उन्होंने तीन कार्यकाल तक अविभाजित आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया।
जयललिता (तमिलनाडु)
‘थलाइवी’ या ‘अम्मा’ के नाम से मशहूर जयललिता को तमिलनाडु की राजनीति में उनके सफल कार्यकाल के लिए जाना जाता है।
तमिलनाडु की सियासत में लंबे समय तक पुरुषों का वर्चस्व रहा, जिसे जयललिता ने तोड़ने का काम किया। अपने गुरु एमजी रामचंद्रन द्वारा फिल्मों में शामिल की गईं जयललिता ने 140 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया।
सिनेमा की तरह एमजीआर ने ही जयललिता को राजनीति में लाया। 1982 में अन्नाद्रमुक में शामिल होने के बाद जयललिता 1987 में एमजीआर के निधन के बाद पार्टी के भीतर सत्ता संघर्ष में विजयी हुईं।
जयललिता ने 2016 में अपनी मृत्यु तक छह कार्यकाल तक तमिलनाडु की मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया।
पवन कल्याण (आंध्र प्रदेश)
दक्षिण भारत के एक लोकप्रिय अभिनेता पवन कल्याण ने 1996 में फिल्मों में अभिनय करना शुरू किया। उन्होंने गब्बर सिंह, वकील साब, पुली, बालू, सुस्वागतम आदि फिल्मों में एक्टिंग है।
2008 में उन्होंने अपने सुपरस्टार भाई चिरंजीवी द्वारा गठित पार्टी प्रजा राज्यम के युवा विंग के अध्यक्ष के रूप में राजनीति में प्रवेश किया। 2014 में पवन ने जनसेना पार्टी बनाई।
सुरेश गोपी (केरल)
लोकप्रिय मलयालम अभिनेता सुरेश गोपी राज्यसभा सांसद बने और भाजपा में शामिल हो गए। 2019 में उन्होंने भाजपा उम्मीदवार के रूप में त्रिशूर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा।
उन्होंने गरुड़न, जासूस, भरतचंद्रन आईपीएस, जनकन, राष्ट्रम, द एड्रेस आदि फिल्मों में अभिनय किया है। उनके नाम एक राष्ट्रीय पुरस्कार भी है।
कमल हासन (तमिलनाडु)
दक्षिण भारत के सुपरस्टार अभिनेता कमल हासन ने 2018 में अपनी राजनीतिक पार्टी मक्कल नीधि मय्यम (एमएनएम) बनाई। हासन ने बॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया है।
अपने शानदार एक्टिंग करियर में उन्होंने विश्वरूपम, सत्या, चाची 420, महानदी, विक्रम, इंडियन आदि जैसी फिल्में की हैं। 1987 में उन्होंने फिल्म नायकन के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता।
चिरंजीवी (आंध्र प्रदेश)
अभिनेता चिरंजीवी ने 2008 में आंध्र प्रदेश में एक राजनीतिक पार्टी प्रजा राज्यम का गठन किया। बाद में वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य बन गए और अपनी पार्टी का इसमें विलय कर दिया। उन्होंने भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया है। उन्होंने गॉडफादर, डैडी, मास्टर, शंकर दादा जिंदाबाद आदि फिल्मों में अभिनय किया है।
रजनीकांत (तमिलनाडु)
सुपरस्टार अभिनेता रजनीकांत 2017 में राजनीति में शामिल हुए थे। उन्होंने अपनी राजनीतिक पार्टी रजनी मक्कल मंद्रम (आरएमएम) बनाई मगर उनका सियासी सफर ज्यादा दिन तक नहीं चल पाया।
2021 में उन्होंने पार्टी को भंग कर दिया। इसके बाद उन्होंने सियासत से तौबा कर लिया। रजनीकांत ने तमिल, हिंदी, तेलुगु, कन्नड़, बंगाली और मलयालम फिल्म उद्योग में सौ से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है।
बाशा, शिवाजी: द बॉस, काला, चंद्रमुखी, अंधा कानून, एंथिरन, लिंगा और जेलर उनकी कुछ लोकप्रिय फिल्में हैं।