सीईओ क्रेडा द्वारा बायोगैस संयंत्र एवं घरेलू बायोगैस संयंत्रों की प्रगति की समीक्षा
क्रेडा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राजेश सिंह राणा ने आज वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से क्रेडा द्वारा संचालित बायोगैस परियोजना अंतर्गत स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के सहयोग से स्थापित व स्थापनाधीन बायोगैस संयंत्रों एवं घरेलू बायोगैस संयंत्रों के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की।
उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत स्वीकृत 115 संयंत्रों के प्रगतिरत् कार्यों को 20 फरवरी के पूर्व पूर्ण किये जाने और अप्रारंभ कार्यों को इस सप्ताह प्रारंभ कर 25 फरवरी तक पूर्ण करने के निर्देश दिए। बैठक के दौरान प्रधान कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारी एवं प्रदेश के समस्त जिलों के अधिकारीगण वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से सम्मिलित हुए।
बायोगैस एक स्वच्छ एवं सस्ता ईंधन है जिसमें 55 से 70 प्रतिशत तक ज्वलनशील मीथेन गैस होती है। पशुओं से प्राप्त गोबर को एक विशेष प्रकार के संयंत्र में डालकर इस गैस का निर्माण किया जाता है, गैस निर्माण के पश्चात प्राप्त अपशिष्ट का खाद के रूप में उपयोग किया जाता है।
बायोगैस संयंत्र से इंधन और अच्छी खाद प्राप्त होने के साथ-साथ महिलाओं, बच्चों को खाना बनाने हेतु जंगल से लकड़ी एकत्र करने तथा गोबर के कंडे बनाने से मुक्ति मिलती है। बायोगैस संयंत्र से उत्तम एवं उच्च गुणवत्ता युक्त जैविक खाद की प्राप्ति होती है, जिसका उपयोग कृषि कार्य में किया जाता है। इस गैस के उपयोग से विद्युत उत्पादन भी किया जा सकता है।
बैठक में 1850 घरेलू बायोगैस संयंत्रों का वर्तमान वर्ष में प्राप्त लक्ष्य पूरा करने के लिए सभी जिला प्रभारियों को फरवरी माह के अंत तक शत-प्रतिशत आवेदन प्राप्त कर उन्हें स्वीकृति हेतु कार्यवाही के निर्देश दिए गए।
इसके अतिरिक्त सामुदायिक बायोगैस संयंत्रों की स्थापना हेतु हितग्राहियों को प्रोत्साहित कर अधिक क्षमता के बायोगैस संयंत्रों की स्थापना करते हुए उत्पादित गैस का वितरण निकटस्थ लाभार्थी परिवारों को उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया।
जिला जशपुर, सरगुजा, बलरामपुर, बलौदाबाजार, महासमुंद, धमतरी, बिलासपुर, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, कोरबा, दुर्ग, बालोद, दंतेवाड़ा, बस्तर, नारायणपुर, सुकमा द्वारा निर्माण कार्य कराने हेतु स्थल का चयन कर शीघ्र कार्यवाही हेतु आश्वस्त किया गया।