दुनिया में कई तरह के लोग होते हैं जो अपनी उट-पटांग हरकतों के कारण अक्सर सुर्खियों में बने रहना पसंद करते हैं। इसी क्रम में एक शख्स ने खुद को अजीबो-गरीब चैलेंज दिया है।
यह आदमी 16 दिनों से कच्चा चिकन खा रहा है। इसका कहना है कि भले ही चिकन की कई रेसीपी हों लेकिन, उसका चैलेंज अनोखा है।
वह बीमार होने तक ऐसा करता रहेगा। उसने एक वीडियो भी शेयर किया। जिसमें वो कच्चे चिकन पर ब्लैक पेपर और शहद लगाकर बड़े चाव से खा रहा है।
इस शख्स का नाम जॉन है। जिसने कसम खाई है कि बीमार होने तक रोजाना कच्चा चिकन खाता रहेगा।
अपने वीडियो में इसने दावा किया है कि वह सोलह दिनों से कच्चा चिकन खा रहा है और उसे किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत महसूस नहीं हो रही है।
अपने इस एक्सपरीमेंट को इसने’रॉ चिकन एक्सपेरिमेंट’ नाम दिया गया है।
वीडियो में उसे कच्चा चिकन खाते हुए देखा जा सकता है। वह जूस भी पीता है, कच्चे अंडे खाता है और भी बहुत कुछ। अपने नवीनतम वीडियो में, उसे कच्चे चिकन पर शहद और ब्लैक पेपर लगाकर खाते हुए देखा जा सकता है।
‘रॉ चिकन एक्सपेरिमेंट’ में जॉन कहता है कि यह एक तरह से वैज्ञानिक परीक्षण है। उसने इतने दिनों तक कच्चा चिकन खाया लेकिन, उसे किसी तरह से कोई शारिरिक परेशानी नहीं हुई है।
वह कहता है, “प्रयोग के 16वें दिन तक पहुंचना पागलपन जरूर है लेकिन, मैं बताना चाहता हूं कि अब तक पूरी तरह से ठीक हूं। वैसे चिकन खाने के बहुत सारे तरीके मौजूद हैं। लेकिन, मैंने आज समुद्र तट पर सैर के दौरान इस तरह से चिकन का आनंद उठाया।”
जॉन के इस वीडियो को 15.3 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है और इंटरनेट पर खूब वायरल हो रहा है। जॉन ने दर्शकों को चेतावनी भी दी है कि “इसे घर पर आज़माएं नहीं। यह परीक्षण विज्ञान के लिए समर्पित है।”
लोगों के रिएक्शन
जॉन के कच्चे चिकन खाने वाले वीडियो पर लोग जमकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। एक ने कहा, “क्या कच्चे मुर्गे के पैर खाने योग्य हैं?”
एक अन्य ने पूछा “इसका स्वाद कैसा है?” तीसरे ने कहा, “मैं हमेशा खाना पकाने से पहले कच्चे चिकन का एक टुकड़ा खाता था। यह इतना बुरा भी नहीं।
हालांकि, यह पहली बार नहीं है कि जॉन ने खुद के साथ इस तरह के प्रयोग किए हों। इससे पहले उसने इसी तरह के एक्सपरीमेंट सीरीज जारी की थी।
जिसका टाइटल था- “बैक्टीरिया से मरने तक हर दिन होल फूड्स में कच्चा मांस खाना।” एक रिपोर्ट के अनुसार, 200 दिनों के प्रयोग के दौरान वह बीमार नहीं पड़े, लेकिन इस दिनचर्या से ऊबकर उन्होंने इस तरह का खाना छोड़ा।