चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव से ऐन पहले शरद पवार गुट को तगड़ा झटका देते एनसीपी अजीत पवार की झोली में डाल दी।
अब एनसीपी का नाम और चुनाव चिह्न अजीत पवार के पास रहेगा। आयोग के फैसले पर शरद पवार गुट बिफरा हुआ है। जितेंद्र आव्हाड ने कहा है कि चुनाव आयोग को अपने फैसले से “शर्मिंदा होना चाहिए”।
उन्होंने कहा कि अजित पवार ने अपने चाचा और पार्टी के संस्थापक शरद पवार का “राजनीतिक रूप से गला घोंट दिया”। हालांकि फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कह रहे हैं।
शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “यह होने वाला था। हम यह पहले से ही जानते थे।
आज उन्होंने (अजित पवार ने) शरद पवार का राजनीतिक गला घोंट दिया है। इसके पीछे केवल अजित पवार हैं। इसमें शर्मिंदा होने वाला एकमात्र चुनाव आयोग है।
शरद पवार ऐसे शख्स हैं जो फिर से राख से उठ खड़े होंगे। हमारे पास अभी भी ताकत है क्योंकि हमारे पास शरद पवार हैं। हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।”
पिछले 6 महीने में 10 से अधिक सुनवाई
पिछले छह महीनों में 10 से अधिक सुनवाई के बाद, चुनाव आयोग ने पार्टी के संस्थापक और उनके चाचा शरद पवार को झटका देते हुए, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट को “असली” एनसीपी करार दिया। इसके साथ ही एनसीपी के अजित पवार गुट को ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न सौंपा।
गौरतलब है कि जुलाई 2023 से दोनों के बीच गुटीय विवाद चल रहा है, जब अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत कर दी थी और महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भाजपा-शिवसेना सरकार में शामिल हो गए थे।
शरद पवार गुट की प्रतिक्रिया
घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए शरद पवार की बेटी और एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने कहा, “मुझे लगता है कि जो शिव सेना के साथ हुआ, वही आज हमारे साथ हो रहा है। इसलिए, यह कोई नया आदेश नहीं है।
बस नाम बदल दिए गए हैं लेकिन विषयवस्तु वही है।” शरद पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी गुट के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि चुनाव आयोग का फैसला “चौंकाने वाला” था, उन्होंने कहा कि वे इस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देंगे।
शरद पवार के पास विकल्प क्या हैं
जयंत पाटिल ने कहा, “हम इस नतीजे का विस्तार से अध्ययन करेंगे और फिर इस पर अपना अगला कदम फाइनल करेंगे। हम इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे और हमें यकीन है कि देश का सुप्रीम कोर्ट हमें न्याय देगा।”