अमेरिका की पहल पर इजरायल से समझौता करने को लेकर मुस्लिम देश तैयार होते नजर आ रहे हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के दौरे के बाद सऊदी अरब ने गाजा पर बातचीत के लिए अरब राजनयिकों की मेजबानी की।
रिपोर्ट के अनुसार, इस चर्चा के दौरान मध्य-पूर्वी 4 शीर्ष राजनयिकों ने फिलिस्तीन की मान्यता को बनाए रखने के लिए कदम उठाने की बात दोहराई।
यह बैठक गुरुवार को आयोजित की गई जो कि ब्लिंकन के मिडिल ईस्ट के दौरे के बाद हुई। गाजा में युद्ध शुरू होने के बाद यह मध्य-पूर्व का उनका 5वां दौरा था।
मीटिंग में मिस्र, कतर, संयुक्त अरब अमीरात और जॉर्डन के विदेश मंत्रियों ने भाग लिया। साथ ही एक सीनियर फिलिस्तीनी अधिकारी भी मौजूद रहे।
मुस्लिम देशों की बैठक में मंत्रियों ने गाजा पट्टी में युद्ध समाप्त करने, तुरंत सीजफायर लगाने, अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और मानवीय सहायता में बाधा डालने वाले प्रतिबंधों को हटाने पर जोर दिया।
मालूम हो कि गाजा संकट पर चर्चा के लिए जो बाइडन अगले सप्ताह जॉर्डन के राजा की मेजबानी करने वाले हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति गाजा पर इजरायली बमबारी का हल निकालने के लिए अगले सप्ताह वाशिंगटन में जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय से मिलेंगे। दोनों नेता गाजा में मौजूदा स्थिति और संकट के स्थायी समाधान के प्रयासों पर चर्चा करेंगे।
गाजा में हुए हमलों में 13 लोगों की मौत
इस बीच, गाजा पट्टी के राफा में इजरायली हवाई हमलों में 13 लोग मारे गए। राष्ट्रपति जो बाइडन ने गाजा में इजरायल की सैन्य कार्रवाई को अविश्वसनीय बताया।
उन्होंने कहा कि वह युद्ध में संघर्ष विराम के लिए इजराइल और हमास पर लगातार दबाव डालने का काम कर रहा है। गाजा पट्टी की आधी से अधिक आबादी राफा में आ गई है जो मिस्र से लगता एक शहर है।
इसकी ज्यादातर सीमा प्रतिबंधित है और मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए मुख्य प्रवेश बिंदु है।
मिस्र ने चेतावनी दी कि यहां कोई भी जमीनी कार्रवाई या सीमा पार बड़े पैमाने पर विस्थापन की घटना इजरायल के साथ उसकी 40 साल पुरानी शांति संधि को कमजोर कर देगी।
इजराइल के 4 महीने से जारी हवाई और जमीनी हमलों में 27,000 से अधिक फलस्तीनी लोग मारे गए। इजराइल के हमलों ने अधिकांश लोगों को उनके घरों को छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया। एक चौथाई आबादी को भुखमरी की ओर धकेल दिया है।