भोपाल। मप्र को औद्योगिक हब बनाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उनकी सरकार ने जो लचीली और समावेशी नीतिशं बनाई है, वह निवेशकों को खूब भा रही है। इसका परिणाम यह हो रहा है कि पिछले 9 माह के दौरान मप्र में निवेश करने के लिए औद्योगिक घरानों ने अधिक रूचि दिखाई है। वहीं प्रदेश सरकार की रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के दौरान जिस तरह से उद्योगपतियों ने मप्र में निवेश की इच्छा जाहिर की है उससे तो यह तस्वीर साफ दिख रही है कि मप्र इंडस्ट्री फ्रेंडली स्टेट बन गया है। दरअसल, किसी भी प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए जो संसाधन और सुविधाएं चाहिए, मप्र सरकार ने उसे उपलब्ध कराया है या कराने में जुटी हुई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने कार्यकाल के बहुत कम समय में जहां राज्य की कानून व्यवस्था, जनकल्याण और अधोसंरचना विकास के लिए कई सख्त और जनहितैषी निर्णय लिए हैं, तो वहीं प्रदेश की आर्थिक समृद्धि के लिए भी वे लगातार प्रयासरत हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव लगातार प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य संभागीय स्तर पर इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन कर रहे हैं। इसके अलावा वे देश के अलग- अलग हिस्सों में जाकर निवेशकों से सीधे चर्चा कर रहे है। इसी क्रम में उन्होंने 20 सितम्बर को कोलकाता इन्वेस्टर्स समिट में शामिल होकर उद्योपतियों से व्यक्तिसह चर्चा की तथा मप्र में निवेश पर उन्हें हर संभव सुविधा-संसाधन, सुरक्षा और निवेश अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।
राज्य में क्षेत्रीय उद्योगपति सम्मेलनों (इन्वेस्टर्स समिट) के आयोजनों के साथ-साथ वे देशभर के अलग-अलग राज्यों में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से भी देश और विदेश के उद्योगपतियों को राज्य में आकर्षित कर रहे हैं। हाल में कोलकाता में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से मुख्यमंत्री डॉ. यादव 19 हजार करोड़ से अधिक का निवेश न केवल मप्र लेकर आए हैं, बल्कि राज्य में उद्योगों के अनुकूल माहौल के उनके प्रस्तुति करण से निकट भविष्य में पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र सहित दूसरे राज्यों के उद्योगपतियों का भी मप्र में निवेश लेकर आना तय माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि देश के मध्य में स्थित मप्र का अन्य कई राज्यों से सीधा जुड़ाव है। प्रदेश में रेल से लेकर रोड और हवाई परिवहन की भी अच्छी सुविधा उपलब्ध है। प्रदेश के औद्योगिक गतियारों से विभिन्न एक्सप्रेस वे गुजर रहे हैं। इसलिए मप्र कई मामलों में निवेश के लिए उपयुक्त राज्य है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उद्योगपतियों को बताया कि मप्र, निवेश और उद्योगों के लिए देश के सबसे उभरते हुए राज्यों में से एक है। मप्र की निवेश अनुकूल औद्योगिक नीति, मजबूत औद्योगिक अधोसंरचना, समृद्ध प्राकृतिक संसाधन और निवेश के अनुकूल कानून व्यवस्था के कारण निवेशकों का पसंदीदा राज्य बन रहा है। इतना ही नहीं उन्होंने पश्चिम बंगाल और मप्र में औद्योगिक समानताओं को भी उद्योगपतियों के सामने रखा। उद्योपतियों से व्यक्तिसह चर्चा के बाद मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कोलकाता आया हूं, मुझे विश्वास था कि यहां के उद्योगपति पूरे देश में निवेश करते हैं, हमने बात की तो सब हमारे यहां काम करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री के आह्वान पर हिमाद्री केमिकल्स रसायन के क्षेत्र में 5425 करोड़ का निवेश करेगी, इससे लगभग 2 हजार रोजगार सृजित होंगे। इसी प्रकार श्याम मैटेलिक्स एण्ड एनर्जी के इस्पात में 5040 करोड़ के निवेश, 2000 रोजगार, बिरला कार्पोरेशन के सीमेंट में 3000 करोड़ के निवेश से एक हजार रोजगार, जुपिटर सोलर के सौर विनिर्माण के क्षेत्र में 2500 करोड़ निवेश से एक हजार रोजगार, आधुनिक ग्रुप के इस्पात में 1500 करोड़ के निवेश से 800 रोजगार, बैक्स पोल होटल के के पर्यटन में 50 करोड़ निवेश से 50 रोजगार, डीडीईवी प्लास्टिक के सौ करोड़ निवेश से 200 रोजगार, बैक्स पोल इंडस्ट्रीज के ऑटो अवयब में सौ करोड़ निवेश से सौ रोजगार, कैबकॉन इंडिया के अभियांत्रिकी में 50 करोड़ निवेश से सौ रोजगार, ईस्टर्न इश मेंट इंटरप्राइज के अभियांत्रिकी में 30 करोड़ निवेश से सौ रोजगार, शुभम समूह के खाद्य प्रसंस्करण में 25 करोड़ निवेश से 50 रोजगार, सर्वो प्लास्टिक्स के 250 करोड़ निवेश से 400 रोजगार, एसएमपीएल इन्फ्रा के 500 करोड़ निवेश से 500 रोजगार, पायल डीजर्स प्रा. लि. के खाद्य प्रसंस्करण में सौ करोड़ निवेश से 500 रोजगार, सफेद डिटर्जेंट के सौ करोड़ निवेश से 250 रोजगार और जूपिटर बैगन्स लिमिटेड के रेलवे कोच में 500 करोड़ निवेश से 400 रोजगार सृजित होंगे। इस तरह प्रदेशभर में कोलकाता ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से 19270 करोड़ का निवेश आएगा, जिससे अनुमानित 9450 रोजगार सृजित होंगे।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का कहना है कि मप्र में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। इन्ही संभावनाओं में निवेश के अवसर तलाशने और निवेशकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से इन्वेस्टर्स समिट देश के विभिन्न शहरों में की जा रही है। प्रदेश से कच्चा माल दूसरे प्रदेशों और देशों में जाता है। हमारे प्रयास है कि प्रदेश से अन्य स्थानों पर जाने वाले कच्चे माल से प्रदेश में ही उत्पादन की श्रृंखला विकसित हो। इससे प्रदेश में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और समृद्धि के नये द्वार भी खुलेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में निवेशकों को उत्पादन यूनिट की स्थापना के लिए आवश्यक अनुमतियां और स्वीकृतियां शीघ्र प्रदान की जाएगी। प्रदेश में उद्योगों की स्थापना के लिए सभी आवश्यक व्यावहारिक कठिनाइयों को दूर किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी निवेशकों से प्रदेश में उद्योग स्थापित करने के लिए नीतियों में संशोधन और सुझाव भी मांगे है।
इंडस्ट्री फ्रेंडली स्टेट बना मप्र
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