वाशिंगटन । गलवान घाटी में हिंसक झड़प को हुए 4 साल हो चुके है। तब से भारत और चीन के बीच एलएसी पर तनाव है। इतना ही नहीं विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी बेहिचक के कबूल कर रहे कि भारत-चीन संबंध काफी खराब हैं। अमेरिका में एक कार्यक्रम में जयशंकर ने कहा कि दुनिया बहुध्रुवीय हो, इसके लिए जरूरी है एशिया का बहुध्रुवीय होना। भारत-चीन संबंधों को काफी खराब बताकर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि ये रिश्ते एशिया के भविष्य के लिए जरुरी हैं, न केवल महाद्वीप बल्कि पूरी दुनिया को प्रभावित करेगा। उन्होंने कहा कि भारत और चीन का एक साथ उदय वर्तमान वैश्विक राजनीति में एक बहुत ही अनोखी समस्या पेश करता है।
इसके पहले उन्होंने कहा था कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में 75 प्रतिशत मसलों को हल हो चुका है। इस कार्यक्रम में जयशंकर ने अपने बयान का मतलब भी समझाया। जयशंकर ने कहा, जब मैंने कहा कि इसका 75 प्रतिशत सुलझा लिया गया है- मुझसे एक तरह से मात्रा निर्धारित करने के लिए कहा गया था-यह केवल डिसइंगेजमेंट का है। अभी मुख्य मुद्दा पेट्रोलिंग का है। आप जानते हैं, हम दोनों, वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी ) तक कैसे गश्त करते हैं।
भारत और चीन चाहते हैं कि अगले माह होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच संभावित बैठक से पहले रिश्तों में तनाव कम हो। रिश्ते सामान्य हो। पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध को पूरी तरह से हल करने के लिए दोनों देशों ने पिछले कुछ महीनों में राजनयिक और सैन्य वार्ता तेज कर दी है।
जयशंकर का कबूलनामा………भारत-चीन संबंध काफी खराब
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