Home धर्म 19 साल बाद मकर संक्रांति पर दुर्लभ संयोग, इस योग में मांगलिक कार्य करें शुरू, सब होगा शुभ!

19 साल बाद मकर संक्रांति पर दुर्लभ संयोग, इस योग में मांगलिक कार्य करें शुरू, सब होगा शुभ!

by News Desk

हर साल की तरह इस बार भी मकर संक्रांति की तारीख को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति है. लोग 14 और 15 जनवरी में कंफ्यूज हैं. लेकिन, साल 2025 में मकर संक्रांति पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा. ऐसा 3 साल बाद होने जा रहा है, जब 14 जनवरी को मकर संक्रांति पड़ेगी. वहीं, 19 साल बाद दुर्लभ संयोग भी बन रहा है. भौम पुष्य योग में मांगलिक कार्य भी शुरू होंगे.

तीन साल बाद मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाएगी. इससे पहले 2021 में 14 जनवरी और उसके बाद के वर्षों में 15 जनवरी को यह पर्व मनाया गया था. इस बार संक्रांति का मुख्य वाहन बाघ और उप वाहन अश्व है. यही नहीं, 19 साल बाद दुर्लभ भौम पुष्य योग का संयोग भी बन रहा है. खंडवा में मां शीतला संस्कृत पाठशाला गुरुकुल के आचार्य अंकित मार्कण्डेय ने बताया इस बार मकर संक्रांति पर कई शुभ योग बन रहे हैं.

इतने बजे शुरू होगी संक्रांति
सूर्य धनु से मकर राशि में सुबह 8.56 मिनट पर प्रवेश करेंगे. माघ कृष्ण प्रतिपदा पर आनंदादि स्थिर, वर्धमान योग और पुष्य नक्षत्र भी रहेगा. ऐसे में लोग पवित्र मां नर्मदा, मां गंगा आदि नदियों में स्नान करेंगे. मंदिरों में गुरु, ब्राह्मण को तिल-गुड़, खिचड़ी, वस्त्र, कंबल आदि का दान-पुण्य करेंगे. सूर्य के उत्तरायण होते ही खरमास समाप्त होगा और मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी.

जानें तिल गुड़ दान का महत्व
मकर संक्रांति के दिन तिल और गुड़ खाने की परम्पराएं हैं. इसका सेवन शीतलता से बचने और स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाने के लिए किया जाता है. साथ ही साथ यह एक संकेत है कि हम जीवन में मीठे रिश्तों और प्रेम का आदम-प्रदान करें. इस दिन तिल और गुड़ दान करने से लोगो के बीच बने कड़वाहट को मिठास में बदला जा सकता है.

You may also like