नई दिल्ली । दुनिया के कई देशों के वैज्ञानिकों द्वारा 2.8 किलोमीटर की गहराई से ड्रिल करके बर्फ निकल गई है। इसे 12 लाख वर्ष पुरानी बर्फ माना जा रहा है। इस बर्फ का परीक्षण दुनिया के कई देश के वैज्ञानिक एक साथ मिलकर करेंगे। ताकि जलवायु और पर्यावरण में किस तरह के बदलाव आ रहे हैं। इसका अध्ययन किया जा सके। हिम युग में जो तापमान और ग्रीन हाउस मे गैसों के बीच के क्या संबंध था। पृथ्वी के बढ़ते तापमान पर इसका क्या असर भविष्य में हो सकता है। इसका परीक्षण वैज्ञानिक कर रहे हैं।
इसके पहले यही टीम 8 लाख साल पुरानी बर्फ का नमूना निकाल चुकी है। अब 12 लाख साल पुरानी बर्फ का परीक्षण किया जाएगा।
वैज्ञानिकों की इस टीम में 16 वैज्ञानिक हैं। जो पिछले 4 साल से अंटार्कटिका की कड़ी ठंड के बीच यह परीक्षण कर रहे हैं। इस परीक्षण के लिए बेल्जियम, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी,इटली,नॉर्वे, स्वीडन, स्वीटजरलैंड, नीदरलैंड तथा ब्रिटेन की सरकारों द्वारा आर्थिक सहयोग दिया जा रहा है। इस परीक्षण से वैज्ञानिक यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं। हिम युग से लेकर अभी तक किस तरह के बदलाव पृथ्वी में आए हैं। उसको जानने के लिए इस परीक्षण से बहुत बड़ी मदद मिलेगी।
12 लाख साल पुरानी बर्फ से पृथ्वी की जलवायु और पर्यावरण का परीक्षण
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