जगदलपुर

E -POS मशीन बनी राशन दुकान संचालकों और हितग्राहियों के लिए परेशानी का सबब ,मशीनों को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे 200 से अधिक संचालकों ने प्रशासन से मांगी वैकल्पिक व्यवस्था

जगदलपुर । प्रदेश में 58 लाख बीपीएल परिवार हैं। इस योजना के तहत 1 सदस्य परिवार को 10 किलो, 2 सदस्यीय परिवार को 20 किलो, 3 से 5 सदस्यीय परिवार को 35 किलो, तथा 5 से अधिक सदस्यीय परिवारों को 7 किलो प्रतिमाह चावल प्रदान किया जा रहा है , इसके साथ साथ चना व आयोडीन नमक के वितरण के साथ गरीबी शहरी क्षेत्रो में मिट्टीतेल भी प्रदान किया जा रहा है ।

पर सोचिए ऐसी योजना जिसके हितग्राही बीपीएल परिवार वाले हो और प्रशासन की लापरवाही से उन्हें नियत समय में ये खाद्यान्न न मिल पाए तो उन गरीब वंचित परिवारों की क्या स्थिति होगी ?!

दरअसल मामला ये है कि आज जिला कलेक्टर कार्यालय में 200 से अधिक पीडीएस राशन दुकान के संचालक pos मशीन लेकर पहुंचे हुए थे ,इसकी जानकारी जैसे ही पत्रकारों को हुई वो भी मामले की जानकारी लेने कलेक्टर कार्यालय पहुंचे ।

तब राशन दुकान संचालकों ने बताया की उन्हें जिस pos मशीन के जरिए राशन वितरण का आदेश है वो मशीन सर्वर की अनुपलब्धता की वजह से काम नहीं करती और यदि गाहे बगाहे सर्वर आ भी जाता है तो भी इस मशीन से राशन वितरण में घंटे दो घंटे लग जाते हैं ।

जिससे अक्सर ही राशन दुकान संचालक और हितग्राहियों के बीच विवाद की स्थिति बन जाती है ,और इस pos मशीन और सर्वर के न होने की वजह से आए दिन होने वाले लड़ाई झगड़ों से परेशान होकर आखिरकार आज राशन दुकान संचालकों ने इसकी शिकायत जिला कलेक्टर रजत बंसल से करने का निर्णय लिया ।

गौरतलब है कि बस्तर जिले में कुल पीडीएस योजना के तहत कुल 422 राशन की दुकानें हैं और सभी राशन दुकान संचालकों को इसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है ।

बस्तर जिले जैसे संवेदनशील जिले में सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में इस तरह की प्रशासनिक लापरवाही ,सरकार के दावों की पोल खोलती है , चुकी बस्तर एक बड़ा जिला है और कई स्थानों पर मोबाइल नेटवर्क की समस्या भी है ,जिसकी वजह से ये सर्वर संबधी शिकायते आती हैं ।

राशन दुकान संचालकों की मांग है कि, उन्हे pos मशीन के अलावा वैकल्पिक व्यवस्था जैसे टेबलेट के जरिए भी राशन वितरण की अनुमति प्रदान की जाए जिससे हितग्राहियों को उचित समय में उनका राशन प्रदान करने में सुविधा हो और विवाद की स्थिति न उत्पन्न हो ।

क्या है E -POS मशीन ?

POS एक कम्प्यूटराइज्ड मशीन है जिसका उपयोग कैश रजिस्टर के स्थान पर किया जाता है. … इस POS मशीन की फुल फॉर्म Point of Sale होती है. जिसका हिंदी में अर्थ (POS Meaning in Hindi) बिक्री केंद्र होता है।

इसका सबसे बड़ा फायदा ये होता हैं कि , थंब इम्प्रेशन से ही चावल, गेहूं, शक्कर आदि मिल पाता है । इसके बाद एडवांस सिस्टम लागू होगा। आंख की पुतली मैच खाने के बाद ही राशन दिया जाएगा। इस मशीन में आधार का आधार का पंजीयन स्वत: ही हो जाता है। आधार प्रमाणीकरण आसान हो जाएगा। जो राशन नहीं लेंगे, उनकी एंट्री नहीं हो पाएगी। बता दें कि वन नेशन वन कार्ड योजना के क्रियान्वयन से पहले राशन कार्डधारकों का आधार नंबर लिंक होना जरूरी है। इसके बिना इस योजना का लाभ कार्डधारकों को नहीं मिल पाएगा।

सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली में भ्रष्टाचार और गड़बड़ी रोकने के pos मशीन को अनिवार्य किया हुआ हैं लेकिन ये मशीन अब खुद ही समस्या बीएन रही है ।सर्वर का काम न करना इस मशीन की उपयोगिता पर प्रश्नचिन्ह लगाता है ।

प्रशासन को प्राथमिकता गरीबों को राशन देना होनी चाहिए किसी भी स्थिति में ,भ्रष्टाचार रोकने के नाम पर हितग्राहियों को प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए ,जिला प्रशासन के पास उचित मॉनिटरिंग सिस्टम न होने के कारण ,गरीब हितग्रहियो और उनके साथ राशन दुकान संचालकों को भी कष्ट उठाना पड़ रहा है ।

क्या कहना है जिम्मेदार अधिकारी का

वन नेशन ,वन राशन के तहत जिले के सभी राशन केंद्रों में प्रशासन ने e-pos मशीनें प्रदान की हैं ,चुकी ये प्रारंभिक स्थिति है और जिले के सभी pos मशीनों के एक साथ चालू होने पर कुछ सर्वर सम्बंधी सूचना और शिकायतें राशन दुकान संचालकों की तरफ से प्राप्त हुई हैं ,जिसकी जानकारी मुख्यालय भेज दी गई है ,शीघ्र ही इस समस्या का निराकरण हो जायेगा । :- जिला खाद्य अधिकारी ,अजय यादव

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