भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लोकसभा चुनाव में अपनी जीत को लेकर आश्वस्त दिख रही है।
भगवा पार्टी को विश्वास है कि नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। सरकारी अधिकारी भी इस बात को लेकर काफी आश्वस्त नजर आ रहे हैं।
देश के टॉप अधिकारी नई सरकार के लिए कार्य योजना बनाने में जुट गए है।
पीएम मोदी अगर तीसरी बार कमान संभालते हैं तो इस बात की संभावना है कि मंत्रालयों की संख्या कम की जा सकती है। वर्तमान में कुल 54 मंत्रालय हैं।
इसके अलावा अगले छह वर्षों में विदेशों में भारतीय मिशनों की संख्या में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने की भी संभावना है।
बुनियादी ढांचे में अधिक प्राइवेट निवेश के साथ-साथ प्राथमिकता वाली परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण को आसान बनाने के लिए तंत्र वितसित करने पर जोर रहेगा।
इस महीने कैबिनेट सचिव द्वारा बुलाई गई बैठकों के दौरान चर्चा किए जाने वाले एक मसौदा पत्र में 2030 तक पेंशन लाभ के साथ वरिष्ठ नागरिकों की हिस्सेदारी को 22% से दोगुना कर 50% करने का लक्ष्य रखा गया है।
वहीं में महिलाओं की भागीदारी को 37% से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया जाएगा। आपको बता दें कि दुनिया में यह औशत करीब 47 प्रतिशत है।
नई सरकार ई-वाहनों की विक्री पर जोर देने वाली होगी। इसकी हिस्सेदारी 7% से बढ़ाकर 30% से अधिक करने का लक्ष्य तय किया गया है।
सूत्रों ने कहा कि 2030 तक अदालतों में लंबित मामलों की संख्या वर्तमान में 5 करोड़ से घटाकर 1 करोड़ से कम करने का भी लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए अगले छह वर्षों में न्यायपालिका में रिक्तियों को 22% से घटाकर 10% करने की योजना है।
वर्तमान में देश में रक्षा खर्च को सकल घरेलू उत्पाद के 2.4% से बढ़ाकर 3% करने पर भी विचार हो रहा है। अनुसंधान के लिए रक्षा बजट की हिस्सेदारी 2% से बढ़ाकर 3 प्रतिशत करने पर भी चर्चा हो रही है।
इस दौरान दुनिया भर में हथियारों के आयात में भारत की हिस्सेदारी आधी करने की परिकल्पना की गई है।
इससे पता चलता है कि सरकार रक्षा उपकरणों के स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों को दोगुना करने का इरादा रखती है।
हालांकि इनमें से कई मुद्दों पर पहले भी चर्चा की गई है, लेकिन चुनाव की घोषणा से पहले पीएम के साथ चर्चा ने उन्हें फिर से पटरी पर ला दिया है।
पहले की बैठक के दौरान अधिकारियों ने परिवहन क्षेत्र के मंत्रालयों को मर्ज करने का आह्वान किया था। कैबिनेट सचिव स्तर की चर्चा में बताया गया है कि चीन में 26 , ब्राजील में 23 और अमेरिका में सिर्फ 15 मंत्रालयों के साथ सरकार चलती है।
आपको यह भी बता दें कि नौकरशाह इस योजना पर काम कर रहे हैं, लेकिन अंतिम फैसला राजनीतिक होगा क्योंकि सांसदों और गठबंधन के सहयोगियों को समायोजित करने के लिए मंत्रालयों की संख्या बढ़ती गई है।