Home धर्म राम के अलावा दो ऐसे बलशाली योद्धा, जो रावण को मारने का रखते थे दम, जानें उनकी वीरता की गाथा

राम के अलावा दो ऐसे बलशाली योद्धा, जो रावण को मारने का रखते थे दम, जानें उनकी वीरता की गाथा

by News Desk

रामायण में भगवान राम को लंकापति रावण का वध करने वाले महानायक के रूप में दर्शाया गया है. यह सच है कि रावण को मारने के लिए भगवान राम का अवतार हुआ था लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान राम के अलावा दो और योद्धा भी थे जो रावण का वध कर सकते थे? आइए जानते हैं उन दो योद्धाओं के बारे में.

हनुमान

हनुमान जी भगवान शिव के अवतार हैं और वे अपनी शक्ति और भक्ति के लिए जाने जाते हैं. वे रामायण में भगवान राम के सबसे बड़े भक्त और सहायक थे. हनुमान जी ने लंका दहन, संजीवनी बूटी लाना, और रावण के पुत्र मेघनाद को हराने जैसे कई महान कार्य किए थे. उनकी शक्ति और भक्ति को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि वे रावण का वध करने में सक्षम थे.

बाली

बाली सुग्रीव के भाई और एक बहुत ही शक्तिशाली योद्धा थे. उन्हें इंद्रदेव का पुत्र माना जाता है और वे अपने बल और कौशल के लिए प्रसिद्ध थे. बाली को यह वरदान प्राप्त था कि जो भी उनसे युद्ध करने आएगा उसकी आधी शक्ति बाली को मिल जाएगी. एक बार रावण ने बाली को युद्ध के लिए चुनौती दी थी लेकिन बाली ने उसे आसानी से हरा दिया था और उसे अपनी कांख में दबाकर पूरे विश्व में घुमाया था. बाली की शक्ति को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि वे रावण का वध करने में सक्षम थे.

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि रावण का वध भगवान राम के हाथों ही होना था क्योंकि यह उनकी लीला का हिस्सा था. लेकिन हनुमान और बाली जैसे योद्धाओं की शक्ति और क्षमता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.

हनुमान की शक्ति

हनुमान जी की शक्ति का वर्णन रामायण में कई जगह मिलता है. उन्होंने अपनी पूंछ से लंका को जला दिया था और वे संजीवनी बूटी को लाने के लिए पूरे पर्वत को उठा लाए थे. उन्होंने रावण के पुत्र मेघनाद को भी हराया था जो एक बहुत ही शक्तिशाली योद्धा था.

बाली का पराक्रम

बाली के पराक्रम की कहानियां भी रामायण में भरी पड़ी हैं. उन्होंने एक बार रावण को अपनी कांख में दबाकर पूरे विश्व में घुमाया था. उन्होंने दुंदुभि नामक राक्षस को भी हराया था जो हजार हाथियों के बराबर बलशाली था.

यह कहना मुश्किल है कि हनुमान और बाली में से कौन रावण का वध करने में अधिक सक्षम था. दोनों ही योद्धा अपनी-अपनी जगह पर अद्वितीय थे. लेकिन यह निश्चित है कि दोनों ही रावण को हराने की क्षमता रखते थे.

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