Home राज्यछत्तीसगढ़ CG News- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किया सिद्ध बाबा जलाशय परियोजना का निरीक्षण: इतने करोड़ की लागत से निर्मित हो रही है महत्वाकांक्षी जलाशय परियोजना…

CG News- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किया सिद्ध बाबा जलाशय परियोजना का निरीक्षण: इतने करोड़ की लागत से निर्मित हो रही है महत्वाकांक्षी जलाशय परियोजना…

by News Desk

रायपुर: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज विकासखंड छुईखदान के ग्राम गभरा का दौरा किया और वहाँ निर्माणाधीन सिद्ध बाबा  जलाशय परियोजना का निरीक्षण किया। यह महत्वाकांक्षी परियोजना लगभग 220 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित की जा रही है, जो क्षेत्र के सिंचाई और जल आपूर्ति व्यवस्था को सुदृढ़ बनाएगी।

सुशासन तिहार उल्लेखनीय हैं की छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रस्तावित सिद्धबाबा लघु जलाशय योजना को प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई है। यह महत्वाकांक्षी परियोजना जिले के ग्राम उरतुली के पास लमती नदी पर स्थापित की जाएगी, जो जिला मुख्यालय से 22 किमी दूर स्थित है। परियोजना की अनुमानित लागत ₹220.07 करोड़ है। इसे दिनांक 9 मार्च 2022 को जल संसाधन विभाग, मंत्रालय महानदी भवन, नया रायपुर–अटल नगर द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है।

सिंचाई का होगा बड़ा विस्तार:-

सिद्धबाबा जलाशय की कुल जलभराव क्षमता 9.496 मिलियन घन मीटर निर्धारित की गई है। इसके निर्माण से खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, बेमेतरा और दुर्ग जिलों के कुल 34 गांवों में लगभग 1840 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने निर्माणाधीन सिद्धबाबा जलाशय का किया निरीक्षण  योजना से 34 ग्राम होंगे सिंचित – Dakhal Chhattisgarh

खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र के 19 गांवों (जैसे गगरा, बुंडेली, सूरादरी, कोटरा आदि) में 885 हेक्टेयर। बेमेतरा जिले के साजा विधानसभा क्षेत्र के 11 गांवों (जैसे पचरसोरी, जानो, सोहागपुर आदि) में 820 हेक्टेयर। इसी प्रकार दुर्ग जिले के 4 गांवों (अगारकला, नवागांव आदि) में 135 हेक्टेयर शामिल है

जलाशयों को भी मिलेगा जीवनदान:-

इस परियोजना से 23 लघु जलाशयों को भी जलापूर्ति की जाएगी, जिससे जल संरक्षण और कृषि उत्पादन को नई ऊर्जा मिलेगी। इनमें शामिल हैं: छुईखदान विकासखंड के 13 जलाशय, साजा विकासखंड के 7 जलाशय, धमधा विकासखंड के 3 जलाशय कृषि और

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल:-

यह परियोजना न केवल सिंचाई सुविधाओं को सशक्त बनाएगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था, खाद्य सुरक्षा और किसान आत्मनिर्भरता में भी अहम भूमिका निभाएगी। इससे सूखे की मार झेल रहे कई इलाकों को स्थायी राहत मिलने की उम्मीद है।

You may also like