Home राज्यछत्तीसगढ़ ऑयल पाम खेती: किसानों के लिए स्थायी आय और आत्मनिर्भरता की राह….

ऑयल पाम खेती: किसानों के लिए स्थायी आय और आत्मनिर्भरता की राह….

by News Desk

रायपुर: परंपरागत खेती से सीमित आमदनी पाने वाले किसानों के लिए अब ऑयल पाम की खेती नई उम्मीद लेकर आई है। जांजगीर चांपा जिले के बम्हनीडीह विकासखंड के ग्राम सोंठी में किसान पुरुषोत्तम शर्मा ने इस फसल को अपनाकर समृद्ध भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाया है।

कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने खेतों का निरीक्षण कर किसानों से चर्चा की और बताया कि ऑयल पाम एक दीर्घकालिक आमदनी देने वाली फसल है। इसकी विशेषता है कि रोपण के तीसरे वर्ष से उत्पादन शुरू होकर लगातार 25-30 साल तक चलता है। प्रति हेक्टेयर औसतन 20 टन उपज मिलती है, जिससे किसान को हर साल ढाई से तीन लाख रुपये की आमदनी हो सकती है।

सरकार किसानों को हर संभव सहयोग दे रही है। ऑयल पाम योजना के अंतर्गत प्रति हेक्टेयर 29 हजार रुपये मूल्य के 143 पौधे निःशुल्क दिए जाते हैं। पौधरोपण, फेंसिंग, सिंचाई और रखरखाव की लागत लगभग 4 लाख रुपये आती है, जिस पर केंद्र से 1.30 लाख और राज्य से 1.29 लाख रुपये का अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके साथ ही बोरवेल, पम्प सेट, वर्मी कम्पोस्ट यूनिट, पॉम कटर और ट्रैक्टर ट्रॉली जैसी सुविधाओं पर भी सब्सिडी दी जा रही है।

कलेक्टर ने महिला स्व-सहायता समूहों को भी इस योजना से जोड़ने के निर्देश दिए हैं, ताकि महिलाएं प्रशिक्षण लेकर स्वरोजगार कर सकें और आत्मनिर्भर बनें।किसान पुरुषोत्तम शर्मा का कहना है कि पहले खेती से घर चलाना मुश्किल होता था, लेकिन ऑयल पाम ने हमारी सोच बदल दी। अब हमें आने वाले वर्षों में स्थायी और बेहतर आमदनी का भरोसा है।

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