Home राज्यमध्यप्रदेश मध्यप्रदेश में मौसम का मिजाज बदला: ग्वालियर-चंबल में ठंड और कोहरा, 16 जिलों में बूंदाबांदी, भोपाल-इंदौर में धूप का मज़ा

मध्यप्रदेश में मौसम का मिजाज बदला: ग्वालियर-चंबल में ठंड और कोहरा, 16 जिलों में बूंदाबांदी, भोपाल-इंदौर में धूप का मज़ा

by News Desk

भोपाल 
मध्य प्रदेश में बुधवार को मौसम का मिजाज बदला-बदला सा रहेगा। पूर्वी मध्य प्रदेश के कई जिलों में गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश की चेतावनी जारी की गई है। वहीं, प्रदेश में ठंड भी बढ़ने लगी है। मंगलवार को ग्वालियर-चंबल संभाग में रात का तापमान 18 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया, वहीं सुबह घना कोहरा छाया रहा। राज्य के अधिकांश शहरों में दिन का तापमान 30 डिग्री के आसपास रहा। बुधवार को भी इसी तरह का मौसम बने रहने की संभावना है।

16 जिलों में हो सकती है हल्की बारिश
मौसम विभाग ने बुधवार को रायसेन, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, जबलपुर, कटनी, सिवनी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला और बालाघाट जिलों में कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी की संभावना जताई है। वहीं भोपाल, इंदौर और उज्जैन में दिनभर साफ आसमान और धूप खिली रहेगी। विभाग ने 6 नवंबर को छिंदवाड़ा, सिवनी और बालाघाट में भी हल्की बारिश का अनुमान जताया है।

उत्तरी हिस्से में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन मौसम वैज्ञानिकों की माने तो मध्यप्रदेश के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एक्टिव है। इसके असर से कुछ जिलों में बूंदाबांदी हो सकती है। दूसरी ओर, एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) भी एक्टिव हो रहा है। अगले कुछ दिन में यह भारत में पहुंच जाएगा। जिससे हिमालयीन क्षेत्र में बर्फबारी भी हो सकती है। इसके बाद उत्तरी हवाओं का असर बढ़ेगा और एमपी में भी ठंडक का असर बढ़ जाएगा।

दो दिन बाद पूरी तरह से साफ हो जाएगा मौसम मौसम विभाग के अनुसार, 5 और 6 नवंबर को कुछ ही जिलों में बूंदाबांदी, बादल वाला मौसम रहेगा। फिर उत्तर से हवा आने की वजह से पारे में 2 से 3 डिग्री की गिरावट होने लगेगी। यह दौर दूसरे सप्ताह तक चलेगा। इसके बाद दिन-रातें ठंडे होने लगेंगे। 15 नवंबर के बाद तेज ठंड का दौर शुरू हो जाएगा।

पचमढ़ी सबसे ठंडा, तापमान 24.6 डिग्री मंगलवार को प्रदेश के ज्यादातर शहरों में दिन के तापमान में 1 से 2 डिग्री तक की गिरावट देखने को मिली। प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी सबसे ठंडा रहा। यहां 2 डिग्री की गिरावट के बाद पारा 24.6 डिग्री पहुंच गया। शिवपुरी, श्योपुर, रतलाम, रायसेन, इंदौर, ग्वालियर, बैतूल, धार, नरसिंहपुर, सिवनी, सीधी, टीकमगढ़ और मलाजखंड में पारा 30 डिग्री से नीचे रहा।

ग्वालियर में सुबह विजिबिलिटी 1 से 2 किलोमीटर रही। वहीं, अधिकांश शहरों में 4 से 10 किलोमीटर दर्ज की गई। रात में रीवा में पारा 12.5 डिग्री रहा। नौगांव में 13 डिग्री, उमरिया में 13.4 डिग्री दर्ज किया गया।

अक्टूबर में 121% बारिश ज्यादा, नवंबर में तेज ठंड का ट्रेंड प्रदेश में नवंबर महीने में पिछले 10 साल से ठंड के साथ बारिश का ट्रेंड भी है। अबकी बार भी ऐसा ही मौसम रहेगा। वहीं, बारिश के लिहाज से अक्टूबर का महीना उम्मीदों पर खरा उतरा है। औसत 2.8 इंच पानी गिर गया, जो सामान्य 1.3 इंच से 121% ज्यादा है।

वहीं, भोपाल में दिन ठंडे रहे। 30 अक्टूबर को दिन का तापमान 24 डिग्री रहा। मौसम विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, पिछले 25 साल में अक्टूबर का यह सबसे ठंडा दिन रहा। उज्जैन, छतरपुर, नरसिंहपुर समेत कई शहरों में पारा 24 डिग्री के नीचे ही रहा।

इंदौर में 10 साल में दूसरी बार सबसे ज्यादा बारिश अक्टूबर में बारिश के रिकॉर्ड की बात करें तो दो साल बाद प्रदेश में सबसे ज्यादा पानी गिरा। भोपाल में 2.8 इंच, जबलपुर में 3.3 इंच, ग्वालियर में 4.2 इंच और उज्जैन में 2.1 इंच बारिश दर्ज की गई। साल 2022 में इससे ज्यादा बारिश हुई थी। वहीं, इंदौर में 3.4 इंच पानी गिरा। यहां 10 साल में दूसरी बार अक्टूबर में इतनी अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई।

ओवरऑल सबसे ज्यादा बारिश वाले जिले में श्योपुर नंबर-1 पर है। यहां 6.52 इंच, झाबुआ में 5.52 इंच, सिंगरौली में 5.35 इंच, सीधी में 5 इंच, उमरिया में 4.14 इंच, अनूपपुर में 4.82 इंच, बड़वानी में 4.21 इंच और भिंड में 4.36 इंच बारिश हो गई। प्रदेश का खंडवा ही एक मात्र ऐसा जिला रहा, जहां सामान्य से कम पानी गिरा। बाकी 53 जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज की गई।

साइक्लोनिक सर्कुलेशन और वेस्टर्न डिस्टरबेंस का असर
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, फिलहाल मध्य प्रदेश के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम सक्रिय है, जिसके कारण कुछ जिलों में बारिश की संभावना बनी हुई है। साथ ही, एक नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) भी सक्रिय हो रहा है, जो अगले कुछ दिनों में हिमालयी क्षेत्र तक पहुंच सकता है। इससे उत्तर भारत में बर्फबारी और ठंड दोनों बढ़ने की उम्मीद है। इसके प्रभाव से मध्यप्रदेश में भी तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी।

दो दिन बाद मौसम रहेगा साफ, फिर बढ़ेगी ठंड
विभाग का अनुमान है कि 5 और 6 नवंबर को कुछ स्थानों पर हल्की बारिश और बादल छाए रहेंगे, लेकिन इसके बाद उत्तर से ठंडी हवाएं आने लगेंगी। इससे तापमान में 2 से 3 डिग्री की कमी आएगी। नवंबर के दूसरे सप्ताह से दिन और रात दोनों ठंडे होने लगेंगे। 15 नवंबर के बाद प्रदेश में ठंड का प्रभाव तेजी से बढ़ने की संभावना है। मंगलवार को प्रदेश के अधिकांश जिलों में दिन का तापमान सामान्य से 1–2 डिग्री नीचे रहा। राज्य का एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी सबसे ठंडा रहा, जहां तापमान 24.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शिवपुरी, श्योपुर, रतलाम, रायसेन, इंदौर, ग्वालियर, बैतूल, धार, नरसिंहपुर, सिवनी, सीधी, टीकमगढ़ और मलाजखंड में दिन का पारा 30 डिग्री से नीचे रहा। रात के तापमान की बात करें तो रीवा में 12.5 डिग्री, नौगांव में 13 डिग्री और उमरिया में 13.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

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