करोड़ों के व्यवसायिक परिसर , बने मच्छरों का शेल्टर होम, सभी के बेसमेंट में भारी जल जमाव और गंदगी, आंखे मूंदे निगम कर रहा महामारी के अनियंत्रित होने का इंतजार

जगदलपुर । जिले में जहां डेंगू एक महामारी का रूप ले चुका है और अस्पतालों में पीड़ितों की लंबी लंबी लाइनें देखने को मिल रही है , ऐसे समय में जिला प्रशासन में नगर में गंदगी और जल जमाव को रोकने के लिए एक मुहिम चलाई ,जिसका नेतृत्व नगर पालिक निगम जगदलपुर कर रहा है ।

डेंगू के पैर फैलाने के बाद जागे प्रशासन ने आनन-फानन में दवा छिड़काव और जल जमाव रोकने का वृहद अभियान चलाया ,कई तस्वीरें भी आईं जिसमें सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधियों के द्वारा साफ सफाई और दवा छिड़काव करते दिखे ।

पर एक ओर जहां कचरे के ढेर एवं खुले नालों में पनप रहे मच्छर शहरवासियों पर कहर बरपा रहे हैं वहीं दूसरी ओर नगर निगम प्रशासन न कचरे से शहरवासियों को मुक्ति दिला पा रहा है और न ही मच्छरों के दंश से।मच्छरों से निपटने को निगम द्वारा कराई जा रही फॉगिंग एवं दवा का छिड़काव असफल साबित हो रहा है।
“जो निगम लोगों से घर के आसपास साफ सफाई रखने की नसीहत देता है उसी निगम का निगम का खुद का घर गंदगी की खान बना हुआ है ,आश्चर्य की बात है कि निगम ने अभी इस ओर से मुंह फेरे रखा है ।”
पंडित दीनदयाल उपाध्याय कांप्लेक्स और नए बस स्टैंड के बेसमेंट में भारी मात्रा में जल जमाव और गंदगी
चांदनी चौक के समीप स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय कांप्लेक्स जिसे बेला कोटा कांप्लेक्स के नाम से भी जाना जाता है ,के बेसमेंट में भारी मात्रा में पानी और गंदगी पसरी हुई है ,इसकी दुर्गंध इतनी तीक्ष्ण है कि काफी दूर से ही इसे महसूस किया जा सकता है ।
इसके ठीक सामने सेंट जेवियर्स स्कूल है और इस कांप्लेक्स के बगल में ही दो नर्सिंग होम भी स्थित हैं और तो और इस परिसर में ही कई दुकानें और ऑफिस संचालित हो रहे हैं ,उसके बाद भी महीनों से जमी इस गंदगी को साफ करने के लिए निगम ने कोई पहल नहीं की है ।
लोगों के कूलरों में पानी जमा न करने की हिदायत देने वाला निगम अपने ही व्यवसायिक भवन में इतनी बड़ी मात्रा में पानी और गंदगी जमा करे हुए है ।

ऐसा ही हाल नए बस स्टैंड में निवनिर्मित भवन का है उसके बेसमेंट में भी बड़ी मात्रा में जल जमाव हो रहा है ,और यहां से रोजाना हजारों सफर करते है यदि कोई वेक्टर जनित रोग यहां से फैला तो कितना विकराल रूप ले सकता है क्या इसकी आशंका निगम प्रशासन को नहीं है ??
श्यामाप्रसाद मुर्खजी व्यवसायिक परिसर का बेसमेंट भी बना तलैया
बस्तर संवाद की टीम जब पुराने बस स्टैंड और कोतवाली के ठीक सामने स्थित नगर निगम के व्यवसायिक परिसर का निरीक्षण किया तो पाया कि यहां की हालत भी निगम के अन्य व्यवसायिक परिसर की तरह ही है ,यहां के बेसमेंट में भी भारी मात्रा में पानी और गंदगी पसरी हुई है।


यहां के तेज दुर्गंध में लोगों सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है , यहां की गंदगी और जलजमाव से जल जनित रोग डेंगू ,मलेरिया जैसी बीमारियों के संक्रमण का खतरा है। परंतु न तो पार्षद न ही निगम को इसकी चिन्ता है ।
अंजुमन इस्लामिया कमेटी के जमीन में खुदे बड़े गड्ढे में भी है जल जमाव और जान का खतरा
सुभाष वार्ड के मेन रोड ठीक बगल में ही एक बहुत बड़ा गड्ढा है जिसकी गहराई 10 फिट से ज्यादा हो सकती है ,बताया जाता है ये गड्ढा अंडर ग्राउंड पार्किंग के लिए खुदवाया गया था ,जिस कार्य को बाद में किसी कारणवश बंद कर दिया गया ,परंतु इतना बड़ा गड्ढा किसी दुर्घटना का कारण बन सकता है ये सोचा नहीं गया ।
बताया जाता है ये जगह अंजुमन इस्लामिया कमेटी की है ,वर्तमान में इस जगह में भारी मात्रा में पानी भरा हुआ है और कोई इंसान इसमें गिर गया तो संभव है कि डूब जाए । इतनी बड़ी लापरवाही पर भी निगम प्रशासन की नजर अब तक नहीं पड़ी है । इसमें होने वाले दूषित जल जमाव से आसपास के लोगों में बीमारी और मच्छर फैलने का खतरा बना हुआ है ।

यहां के पार्षद ने भी इस विषय में कोई उत्साहवर्धक कार्य नहीं किया है अन्यथा क्या कारण है की इतना बड़ा और खतरनाक गड्ढा आज भी लोगों के लिए खतरा जैसा बना हुआ है और कोई कार्रवाई नहीं की गई ।
मच्छरों के दंश से जीना हुआ मुहाल
मच्छरों का प्रकोप इन दिनों इतना ज्यादा बढ़ गया है, कि शहरवासियों का जीना मुहाल हो गया है,दिन हो या रात, मच्छर मच्छरों के दंश से लोग परेशान हैं।इससे मुक्ति दिलाने का जिम्मा नगर निगम का है, लेकिन निगम इसके लिए जो अभियान चला रहा है वह कारगर साबित नहीं हो रहा।मच्छरों को पैदा करने वाले खुले नालों को कवर करने एवं ससमय कचरे के निष्पादन की कारगर व्यवस्था करने में निगम पूरी तरह से विफल साबित हुआ है।
वहीं, मच्छर न सिर्फ शहरवासियों की नींद उड़ा रहे हैं, बल्कि शहरवासियों को मलेरिया , डेंगू , जापानी इंसेफेलाइटिस जैसे संक्रामक रोगों का शिकार बनने की आशंका मंडरा रही है ।
नगर में जगह जगह जल जमाव ,मच्छरों को उपलब्ध करवा रहे हैं अनुकूल माहौल
नगर निगम साफ-सफाई का चाहे जो दावा कर ले लेकिन सच्चाई यह है कि शहर की मुख्य सड़क हो गली-मोहल्ले कचरे का ढेर लगा है।रोजना कचरे का उठाव नहीं होने से जमा कचरे ने सिर्फ सड़ांध पैदा करते है बल्कि मच्छरों को पैदा कर रहे हैं।निगम प्रशासन न ही कचरे का निष्पादन कर पा रहा है और न ही मच्छरों के दंश से।कचरे के ढेर पर चूना, ब्लीचिंग एवं गैमेक्सिन के छिड़काव कर मच्छरों के पनपने से रोका जा सकता है।निगम ऐसा कर रहा है लेकिन मगर समुचित मात्रा और उचित अंतराल पर नहीं।खुले हैं शहर के अधिकांश नाले शहर के अधिकांश नाले खुले हैं।

आउटलेट के अभाव में उनमें पानी का बहाव भी नहीं होता।इसके कारण जमा पानी में मच्छर बड़ी संख्या में पनपते हैं।नालियों को कवर करने या फिर नालियों में नियमित दवा का छिड़काव करने में निगम की उदासीनता शहरवासियों को नुकसान पहुंचा रही है।हवा में जहर घोल रही मच्छर मारने वाली दवाएं मच्छरों से निपटने को शहरवासियों द्वारा बड़े पैमाने पर अगरबत्ती, क्वायल, गैस उत्पन्न करने वाली दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है।