अनुमति से ज्यादा किया जा रहा पटाखों का भंडारण , मौन प्रशासन बड़ी दुर्घटना के इंतजार में !!?

जगदलपुर । नगर में अवैध पटाखों के विक्रय में प्रतिबंध लगाने के लिए खानापूर्ति कार्रवाई पूरी हो चुकी है। हाल ही में शहर से सटे एक अवैध पटाखों के दुकान पर छापेमारी कर परपा पुलिस ने अनुमानित 12 लाख 50 हजार से ज्यादे का अवैध पटाखे को जब्त कर अपनी पीठ थपथपाई थी । लेकिन शहर में ही थोक व्यापारियों और गोदामों से हो रही रिटेल बिक्री पर पुलिस टीम की नजर नहीं पड़ी। उल्लेखनीय है कि अभी भी शहर के कुछ स्थानों पर पटाखों की अवैध बिक्री जारी है ।
जबकि शहर के आबादी वाले इलाकों से दूर लाल बाग मैदान में पटाखा बेचन के लिए प्रशासन ने व्यवस्था की हुई है लेकिन पटाखा गोदाम और थाेक व्यापारियों द्वारा प्रशासन के नियमों को दरकिनार किया जा रहा है। गोलबाजार रोड में बड़ी मात्रा में पटाखे बेचे जा रहे हैं ,लेकिन जिला प्रशासन ने इन जगहों पर जाकर पटाखा जब्त करने या बिक्री बंद कर लाल बाग मैदान में दुकानें लगाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया है।
जिससे प्रशासन की इस कार्रवाई को लेकर भी शहरवासियों के साथ पटाखा के रिटेल कारोबारियों द्वारा भी सवाल उठाए जा रहे हैं।

ज्ञात रहे कि कुछ वर्ष पूर्व भी उक्त पटाखा व्यापारी के नगर के मध्य स्थित दुकान में आग लगने से आस पास के दुकानदारों तथा रहवासियों की जान पर बन आई थी । तब भी प्रशासन ने उक्त व्यापारी का लाइसेंस रद्द नहीं किया अपितु समय के साथ मामला ही रफा दफा कर दिया गया ।
प्रशासन की गाइडलाइन के अनुसार बड़े व्यापारी की अधिकतम 25 से 50 किलो तक के भंडारण की अनुमति प्रदान की गई थी ,परंतु विगत रात्रि को एक 12 चक्के की ट्रक से लाल बाग स्थित पटाखा दुकान में पटाखा खाली किया गया है ,प्रशासन के नाक की नीचे अवैध पटाखों ट्रक से खाली करवा लिया गया पर प्रशासन के किसी जिम्मेदार अधिकारी ने इस विषय में कोई जांच पड़ताल करने की आवश्यकता महसूस नहीं की ।
इसके अतिरिक्त नगर में केवल गिने चुने व्यापारियों के पास ही पटाखे विक्रय के वैध लाइसेंस हैं जबकि लाल बाग में लगने वाली पटाखों के दुकान की संख्या 50 से भी ज्यादा है ,और तो और पटाखा व्यापारी अनाप शनाप और MRP से ज्यादा मूल्य पर पटाखों का विक्रय करते हैं उस पर भी प्रशासन की कोई दखल नहीं होती ,मानो लाइसेंस और जगह देकर प्रशासन ने उन्हें खुली छूट प्रदान कर दी है ।
अगर प्रशासन ने अवैध पटाखों पर सख्ती से प्रतिबंध नहीं लगाया तो पूर्व में पटाखा गोदामों में हुई दुर्घटना की पुनरावृति से इंकार नहीं किया जा सकता ।