भोपाल । प्रदेश में बीते तीन दिन तक रुक-रुक कर हुई बारिश ने किसानों की फसलों को तबाह कर दिया है। खेत के खेत पानी से लबालब हैं। जिसके कारण से जिन खेतों की फसल डूब गई है, चाहे वह कटी फसल हों, या खड़ी, लगभग सभी फसलों में नुकसान हुआ है। कटी हुई फसलों के दाने झड़ चुके हैं और वह अंकुरित हो गए। जबकि खड़ी फसलों की फलियां झडऩे लगी हैं।
इसी सप्ताह खरीफ सीजन की फसलों की कटाई शुरू हुई थी। किसानों ने सोयाबीन, मक्का की कटाई शुरू की थी इसके बाद थ्रेसिंग चालू ही करने वाले थे कि इससे पहले बारिश शुरू हो गई गुरुवार की शाम के समय हुई बारिश के बाद धीरे-धीरे रविवार के दिन तक बारिश का दौर जारी रहा। जिसमें दो दिन लगातार अधिक बारिश होने के कारण खेतों में पानी भर गया है। कुछ फसलें पानी में उतराती हुई दिखाई दे रही हैं। वहीं खेतों में बीज अंकुरित हो गए हैं।
उम्मीदों पर फिरा पानी
खरीफ सीजन की फसल की अच्छी पैदावार होने के बाद किसान उसकी लागत रवि सीजन की फसलों में लगता है, ताकि उस फसल की बचत से जरूरत के काम पूरे कर सके। लेकिन इस बार किसान के हाथ आने से पहले ही फसल में नुकसान हो गया, ऐसे में किसानों को इस तबाही के मंजर की बाहरी मार झेलनी पड़ेगी। जिन लोगों के यहां शादी विवाह हैं उनको यह आयोजन करने में कठिनाइयां होंगी। किसानों ने बताया कि जो फसल खेतों में कटी हुई पड़ी थी तीन दिन तक बारिश होने की वजह से उसके दाने पानी की वजह से अंकुरित हो गए हैं और फलियों से बाहर निकल गए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि इस बार फसलों में किसानों को भारी नुकसान हुआ है। अब सरकार से ही मुआवजा की उम्मीद है। इस दौरान ग्रामीणों ने सरकार से भी मांग करते हुए कहा कि वह प्रशासनिक अधिकारियों को गांव में भेजें, क्योंकि अब तक कोई भी अधिकारी नहीं आया है जिससे फसलों का जल्द सर्वे हो और किसानों को मुआवजा मिल सके, ताकि वह रवि सीजन की फसलों की बुवाई समय अनुसार कर सकें।
बारिश से तबाह हुई सोयाबीन, मक्का की फसलें
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