Home राज्यछत्तीसगढ़ नानदमाली शाला में शिक्षक पदस्थापना से बच्चों की शिक्षा गुणवत्ता में आई सुधार….

नानदमाली शाला में शिक्षक पदस्थापना से बच्चों की शिक्षा गुणवत्ता में आई सुधार….

by News Desk

रायपुर: प्राथमिक शाला नानदमाली में विद्यार्थियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्य शासन ने युक्तियुक्तकरण कर अतिरिक्त शिक्षकों की पदस्थापना की गई, जिससे विद्यालय का शैक्षणिक वातावरण पूरी तरह बदल गया है। शिक्षक पदस्थापना से बच्चों की शिक्षा गुणवत्ता में सुधार आई है,   जिसकी सराहना अभिभावकों ने की।  प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर चलाए जा रहे शिक्षक युक्तियुक्तकरण अभियान के परिणाम अब जमीनी स्तर पर दिखाई देने लगे हैं। इसी कड़ी में

सरगुजा जिले के नानदमाली प्राथमिक शाला में वर्तमान में 123 विद्यार्थी दर्ज हैं। पहले शिक्षकों की कमी से पढ़ाई प्रभावित हो रही थी, लेकिन युक्तियुक्तकरण के तहत नवीन पदस्थापना होने से अब विद्यालय में कुल 5 शिक्षक उपलब्ध हैं, जिसमें प्रधान पाठक श्रीमती पुष्पा बड़ा, सहायक शिक्षक श्री दीनानाथ कैवर्त, सहायक शिक्षक श्रीमती पुष्पा पंडो, सहायक शिक्षक श्री हरी चंद पटेल, युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत सहायक शिक्षक श्रीमती नीलिमा सिंह नवीन पदस्थापना हुई है। दर्ज विद्यार्थी  की दर से अब शिक्षकगण अपनी-अपनी कक्षा के विद्यार्थियों को पूर्ण लगन और उत्साह से पढा रहे हैं।

 शिक्षक युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया की अभिभावकों ने की सराहना

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में बड़ा कदम

नवीन पदस्थापना के बाद पांचों शिक्षक अब बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर करने में लगे हुए हैं। विद्यालय में प्रत्येक कक्षा को समुचित शिक्षक मिलने से पढ़ाई अधिक व्यवस्थित और सरल ढंग से संचालित हो रही है। बच्चों को अब व्यक्तिगत मार्गदर्शन और पर्याप्त समय मिल रहा है, जिससे उनकी सीखने की क्षमता में उल्लेखनीय सुधार देखा जा रहा है।

अभिभावकों ने की शिक्षक की युक्तियुक्तकरण सराहना
विद्यालय में हुए बदलाव को लेकर अभिभावकों ने खुशी जाहिर की है। उनका कहना है कि पहले कक्षाओं में शिक्षकों की कमी से बच्चों की पढ़ाई अधूरी रह जाती थी, लेकिन अब परिस्थितियां पूरी तरह बदल गई हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की इस पहल से न केवल विद्यार्थियों का शैक्षणिक स्तर सुधर रहा है, बल्कि गांव का शैक्षिक वातावरण भी सकारात्मक बनता जा रहा है।

गौरतलब है कि प्रदेश सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के मानकों के अनुरूप हर विद्यालय में शिक्षक-छात्र अनुपात संतुलित रखने की दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में ग्रामीण अंचलों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाना सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है, ताकि किसी भी बच्चे का भविष्य संसाधनों की कमी से प्रभावित न हो। शिक्षक पदस्थापना से बच्चों की शिक्षा गुणवत्ता में सुधार हो रहा है।

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