मेरठ। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश ने भाजपा को बड़ा झटका दिया है। चुनाव के नतीजे आने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री डा.संजीव बालियान और पूर्व विधायक संगीत सोम के बीच आरोप-प्रत्यारोप ने राजनीति गरमा गई है। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि चुनाव के बीच दोनों की खुली अदावत ने पश्चिम से पूरब तक पार्टी को नुकसान पहुंचाया। विवाद इतना बढ़ा की भाजपा के दिग्गज नेताओं को दखल देना पड़ा। जिसके चलते प्रदेश इकाई ने गोरखपुर क्षेत्र के पूर्व अध्यक्ष व एमएलसी डा. धर्मेंद्र सिंह को मुजफ्फरनगर की हार की समीक्षा का जिम्मा दिया है। जानकारी के मुताबिक दोनों नेताओं को चेतावनी दी गई है,इसके बाद भी नहीं माने तो बड़ा एक्शन हो सकता है।
लोकसभा चुनाव से पहले ही मुजफ्फरनगर लोकसभा क्षेत्र अखाड़ा बन गया था। भाजपा के प्रत्याशी डा. संजीव बालियान का सरधना विधानसभा क्षेत्र में विरोध तेज होने लगा था, जिसके पीछे पूर्व विधायक संगीत सोम माने गए। चुनाव प्रचार अभियान के बीच भी दोनों के बीच जुबानी तीर चलते रहे। सीएम योगी ने दो बार बालियान और सोम को साथ बिठाया, लेकिन आपसी दूरी कम नहीं हुई। 19 अप्रैल को पहले चरण में मुजफ्फरनगर का चुनाव खत्म होने के बाद बालियान प्रचार के लिए अमेठी चले गए। चार जून को परिणाम आया तो बालियान समेत कई दिग्गजों की हार ने भाजपा को जोर का झटका दिया।
हाल ही में बालियान ने मुजफ्फरनगर में प्रेस वार्ता कर कहा था कि सोम ने सपा को खुलकर चुनाव लड़ाया था, जिसके बाद राजनीतिक पारा चढ़ गया। इसके अगले दिन सोम ने प्रेस वार्ता कर बालियान को अपने घर में मिली हार की जिम्मेदारी लेने का परामर्श देते हुए संकेतों में आइना भी दिखाया।सोम की प्रेसवार्ता में एक पर्चा बंटा, जिसमें बालियान पर दर्जनों गंभीर आरोप लगाए गए थे। सोम ने भले ही पर्चे बांटने वाले को लेकर लालकुर्ती थाने में शिकायत दी हो, लेकिन बालियान खेमे ने इसमें पूर्व विधायक की मिलीभगत कहा। इसी बीच क्षेत्रीय अध्यक्ष सतेंद्र शिशौदिया ने दोनों से बात कर उन्हें संयम बरतने के लिए कहा है।
यूपी के दो दिग्गजों की भिड़ंत में हाईकमान को देना पड़ा दखल, कार्रवाई की लटकी तलवार
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