Home राजनीती महाराष्ट्र में आरक्षण के भंवर में फंसी शिंदे सरकार! अब सड़कों पर उतरे ओबीसी समाज के लोग

महाराष्ट्र में आरक्षण के भंवर में फंसी शिंदे सरकार! अब सड़कों पर उतरे ओबीसी समाज के लोग

by

बीड जिले में केज-लातूर और अहमदनगर-अहमदपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर ओबीसी समाज के लोग सड़क पर टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सरकार लिखित में दे कि वे मराठाओं को आरक्षण देने के कड़ी में ओबीसी आरक्षण को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं होने देंगे. महाराष्ट्र के जालना जिले के वाडीगोद्री गांव में शुक्रवार को अज्ञात लोगों ने महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) की एक बस पर पथराव किया. इस गांव में 13 जून से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर बैठे हैं. यह जानकारी पुलिस के एक अधिकारी ने दी. अधिकारी ने बताया कि यह घटना तब घटी जब महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम की बस छत्रपति संभाजीनगर से बीड जा रही थी. उन्होंने बताया कि पथराव में कोई हताहत नहीं हुआ.

क्या है मामला?

कार्यकर्ता ओबीसी कोटे से मराठा आरक्षण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और मनोज जरांगे की मसौदा अधिसूचना के कार्यान्वयन की मांग का विरोध कर रहे हैं, जो कुनबियों को मराठा समुदाय के सदस्यों के "ऋषि सोयारे" (रक्त संबंधी) के रूप में मान्यता देता है. इन दोनों नेताओं ने मांग की है कि सरकार को सेज-सोयारे और मराठा अधिसूचना पर लोगों द्वारा दर्ज की गई 8 लाख आपत्तियों के बारे में स्पष्ट करना चाहिए. सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए कि सरकारी रिकॉर्ड में कितने कुनबी नाम दर्ज हैं. साथ ही यह भी जानना चाहिए कि क्या हिंदू कानून, मुस्लिम पर्सनल लॉ, ईसाई कानून, पारसी कानून और किसी भी भारतीय कानून में सेज-सोयारे की परिभाषा का उल्लेख है. वाघमारे ने कहा कि उनका विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार लिखित में नहीं दे देती कि ओबीसी आरक्षण में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.  

You may also like

Leave a Comment